Wednesday, September 30, 2020

हिंदुत्व की व्याख्या

 विपुल लखनवी द्वारा हिंदुत्व की व्याख्या

हिंदू जाग जाओ संभल जाओ

 
 

मूल धर्म मानव का हिंदू,  हिंदू जन्म है लेता।

हिंदू ही बस मूल धर्म है हिंदू जग का प्रेणता।।


मानव बनो सभी है तेरे, हिंदू है सिखलाया।

कभी किसी पर हिंसा न हो, यही है बतलाया।।


हिंदू मतलब सत्य मार्ग है खुद अपने को जानो।

सभी तुम्हारे जग में भाई, सबको अपना मानो।।


पहले भूखे को रोटी दो फिर तुम रोटी खाओ।

श्वान गाय कौवा या चींटी सब की भूख मिटाओ।।


सब में तुम अपने को देखो, अपने में दूजे को।

सभी जीव में देव बसे हैं, कहीं नहीं तीजे को।।


सभी धर्म का आदर करना, हमको ये सिखाया है।

मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारा, सब में शीश झुकाया है।।


किंतु कुछ ऐसे भी होते, दानवता सिखलाते।

उनकी शिक्षा ग्रहण करी तो दानव ही बन जाते।।


एकमात्र तुमको है जीना, बाकी सब को मारो।

पूरी धरती तुम ही भोगो,‌ दया दीनता टारो।।


हिंदू धर्म मिटाओ जग से, मतलब मानवता नष्ट करो।

झूठ मक्कारी फरेब करो, उनको तुम सब भ्रष्ट करो।।


एक बार हिंदू हो जाओ फिर इंसां बन जाओ।

तभी शांति इस जग में होगी सुखमय जीवन पाओ।।


जो सीधे सज्जन होते हैं, पेड़ वही काटे जाते।

हिंदू सज्जन धर्म जगत में, सभी इसे है बांटे।।


दुश्मन को तड़पा कर मारो कौन धर्म यह सिखलाए।

धरती पर आतंक मचाओ, कौन धर्म यह बतलाए।।


आज विपुल यह समय है आया, हिंदू को जगना होगा।

वरना इनकी खैर नहीं है घुट घुट कर मरना होगा।।


कायरता का मतलब गर कोई, अहिंसा बतलाए।

वह न समझे धर्म का मतलब जो न खुद को बचाए।।


विपुल अब जागो हिंदू तुम सब पुनः नई हुंकार भरो।

धर्मो रक्षति धर्म को जानो, दुश्मन का प्रतिकार करो।।

 

 
 
 
 
 

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