विश्व साहित्य की इस विषय पर पहली रचना | रोक सको तो अपने आंसू रोककर दिखा देना
विश्व साहित्य की इस विषय पर पहली रचना
बालिका की पीड़ा कविता में।
रोक सको तो अपने आंसू रोककर दिखा देना
हर अविभावक को देखना चाहिए। यह दावा, सीखोगे।
यह कविता अपनी तरह की पहली कविता है पूरे विश्व के साहित्य में जो परिवारों
को जोड़ रही है।
स्वर्गीय गोपालदास नीरज भी रोये थे। चिंतन कर अपने बुजुर्गों को साथ रख
लेना।
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कविता पहुंचाएं जिससे हमारे भारत का भविष्य उज्जवल निकले। आज के अभिभावक
अपने बुजुर्गों को अपने साथ रखना सीख ले।
सनातन के सच्चे सैनिक बनें।
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ReplyDeleteइस कविता को लिखित में यहाँ भी दे देते तो अच्छा होगा, लोग यहाँ भी पढ़ लेंगे।
ReplyDeleteधन्यवाद।