Thursday, April 11, 2019

क्या शिरडी साई हिंदू धर्म विनाशक है



क्या शिरडी साई हिंदू धर्म विनाशक है


लिंक
से जैसे का तैसा : सबूत हेतु लिंक देखें। कट पेस्ट नहीं हुआ। 
उनके अनुसार आज मैं शिर्डी साईं के सारे राज का पर्दाफाश कर रहा हु,
कृपया धयन जरुर दे की सभी सबूत शिर्डी से प्रकाशित साईं सत्चरित्र से लिए गये है,
इसलिए इनमे से किसी भी प्रमाण को पहले जांच ले और उसके बाद सही होने पर ही कुछ वाद विवाद करे, यदि कोई साईं भक्त आहत है और मेरे दिए हुए प्रमाण से संतुष्ट है नहीं तो वह कानोनी करवाई कर सकता है,
जय श्री राम,


आज मैं आप सभी के सामने वो सच रख रहा हु जिसे जान कर सभी साईं भक्तो के पैरो टेल जमीन खिसक जाएगी, बहुत से साईं मित्र यही कहते थे की मेरे पास कोई ठोस सबूत नहीं है की साईं मुस्लमान है,
कुछ लोग कहते थे की साईं ब्राह्मण है, पर उनके पास इस बात का कोई सबूत या प्रमाण नहीं होता था,
कुछ अन्य भक्त कहते थे की साईं केवल हिन्दू ग्रंथो का पाठ करते थे और उनके गुरु भी हिन्दू थे,
लेकिन मेरे साईं के मांसाहारी होने की बात पर कुछ ये भी कहते थे की साईं ने कभी मांस को हाथ तक नहीं लगाया,


पर आज इन सभी तथ्यों को झुतना सिद्ध करके मैं दिखाना चाहता हु की साईं सच में माँसाहारी था,
यही नहीं साईं ने एक बकरे को भी काटने का प्रयत्न किया था वो भी बकरईद के दिन,
हद तो तब हो गयी जब एक ब्राहमण को साईं ने मांस खिलाने के लिए बाध्य किया,
ये सब मैं अपनी तरफ से नहीं बल्कि शिर्डी के साईं संस्थान से प्रकाशित साईं सत्चरित्र के माध्यम से कह रहा हु,


पाठको से विनती है की इसे पढ़े और पढने के बाद मनन व् चिंतन करे की क्या ऐसा पाखंडी, यवनी, धूर्त, कपटी, सनातन धर्म में कोई इश्वर या अवतार हो सकता है, जैसा की विगत १५ वर्षो से दुस्प्रचारित किया जा रहा है,


शिर्डी में ही साईं की समाधि है जो चाँद बाबा के नाम से है, ये चाँद बाबा असल में चाँद मियां उर्फ़ साईं बाबा ही थे, अब ये दफनाये गये है तो दफ़नाने के बाद ये सालो तक जमीन में ही दफ़न रहेंगे,
जमीन में दफ़न होंगे तो सड़ेंगे ही, और सड़ेंगे तो कीड़े ही पड़ेंगे, तो मेरे भाइयो बहनों जो साईं भक्त है वो सोचे की जब ये भगवान् होकर कीड़ो से अपनी रक्षा नहीं कर सकता तो आप लोगो को भव् सागर कैसे पार कराएगा,


गीता में भी भगवान् कृष्ण ने कहा है, की दफनाये गये मुर्दा आदमी को जो सकाम भाव से पूजता है वो भी प्रेत योनी में भक्त रहता है और वो भी जो दफनाया जाता है,
तो मेरे भाइयो बहनों, प्रेत को पूज कर आप भी प्रेत ही बनोगे,
इसलिए छोड़ो साईं भक्ति और केवल श्री कृष्ण, श्री राम और शंकर महादेव को पूजे, सनातन धर्म ही सबसे उत्तम है
प्रमाण के लिए निचे साईं सत्चरित्र की पुस्तकों के पृष्ठ और अद्याय दिए हुए है जिनसे ये साबित होता है की साईं न केवल मुसलमान था बल्कि वह मांसाहारी और धर्मद्रोही भी था,

साईं की असलियत
नीचे अंग्रेजी में भी साईं के बारे में विस्तार से बताया गया है ताकि जिन्हें हिंदी में समझ ना आ सके वे अंग्रेजी में साईं की असलियत अपनी आँखों से देख सके
उपर लिंक पर जायें
यदि आप भी साईं के इस षड्यंत्र को समझ चुके है और चाहते है की अपने सनातनी भाई बहनों को इस षड्यंत्र से अवगत करा कर उन्हें घोर पाप से बचाए तो आप इस पम्पलेट के पोस्टर या बैनर छपवा कर बाँट सकते है, बिना लिंक के पोस्टर आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते है,
hindurashtra.files.wordpress.com/2012/11/12.jpg


MMSTM समवैध्यावि ध्यान की वह आधुनिक विधि है। कोई चाहे नास्तिक हो आस्तिक हो, साकार, निराकार कुछ भी हो बस पागल और हठी न हो तो उसको ईश अनुभव होकर रहेगा बस समयावधि कुछ बढ सकती है। आपको प्रतिदिन लगभग 40 मिनट देने होंगे और आपको 1 दिन से लेकर 10 वर्ष का समय लग सकता है। 1 दिन उनके लिये जो सत्वगुणी और ईश भक्त हैं। 10 साल बगदादी जैसे हत्यारे के लिये। वैसे 6 महीने बहुत है किसी आम आदमी के लिये।"  सनातन पुत्र देवीदास विपुल खोजी
ब्लाग :  https://freedhyan.blogspot.com/


इस ब्लाग पर प्रकाशित साम्रगी अधिकतर इंटरनेट के विभिन्न स्रोतों से साझा किये गये हैं। जो सिर्फ़ सामाजिक बदलाव के चिन्तन हेतु ही हैं। कुलेखन साम्रगी लेखक के निजी अनुभव और विचार हैं। अतः किसी की व्यक्तिगत/धार्मिक भावना को आहत करना, विद्वेष फ़ैलाना हमारा उद्देश्य नहीं है। इसलिये किसी भी पाठक को कोई साम्रगी आपत्तिजनक लगे तो कृपया उसी लेख पर टिप्पणी करें। आपत्ति उचित होने पर साम्रगी सुधार/हटा दिया जायेगा।

धन्यवाद!

No comments:

Post a Comment