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मां कात्यायनी की मनोहर आरती
मां कात्यायनी की मनोहर आरती
चरण वंदनाकार: सनातन पुत्र देवीदास विपुल खोजी
महिषासुर मर्दिनी रक्तबीज खंडनी।
द्वैताद्वैत हारिणी नमामि कात्यायनी।।
पुत्री कात्यानन बनी मानव रूप में जनी।
उपमा रहित भवानी नमामि कात्या
भवजगत भवतारिणी रूप मनोहारिणी।
योगदाता तारिणी नमामि कात्यायनी।।
मधुुुु कैटभ संहारिणी शुुुम्भ निशुंभ तारिणी।
जगत कणे निवासिनी नमामि कात्याय।।
समृद्धि धान्य वाढ़नी रोग शोक नाशिनी।
त्रैलोक्य संचारिणी नमामि कात्यायनी।।
षष्टरूप शक्तिके मातृरूप भक्तिके।
चित्तशुद्ध कारिणी नमामि कात्यायनी।।
अमोघ फलदायिनी समस्तपापनाशिनी।
सुर असुर अराधिणी नमामि कात्यायनी।।
दासविपुल भक्ति शक्ति शुद्धता प्रदायनी।
ज्ञान विज्ञान देवी नमामि कात्यायनी।।
अर्थ धर्म काम संग मोक्ष शीघ्र दायिनी।
पूरित मन में जो करें नमामि कात्यायनी।।
नवरूपा आरती आर्तभाव पुकारनी।
विनय विपुलजन सुनें नमामि कात्यायनी।।
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