Monday, September 14, 2020

आत्म अवलोकन और योग: ग्रुप सार्थक ज्ञानमयी चर्चा: भाग 17

 आत्म अवलोकन और योग: ग्रुप सार्थक ज्ञानमयी चर्चा: भाग 17


फेसबुक पर चर्चा।

हां भाई जगत दृष्टा सुबह तुमने पूछा था की ज्ञान और विज्ञान की सही परिभाषा बताओ।

मित्र मैंने बहुत साहित्य पढ़ा किंतु ज्ञान विज्ञान की वास्तविक परिभाषा संतोषजनक नहीं मिली। वह मिली मुझे चतुश्लोकी भागवत में जिसको की गीता प्रेस गोरखपुर के संपादक गोयनका जी ने संपादित किया था। उसकी परिभाषा पूर्णतया सही महसूस हुई।

भगवान श्री कृष्ण ने बोला है जो मेरे द्वैत साकार रूप को जानकर उसका वर्णन करता है अनुभव करता है और शोधकर्ता है वह विज्ञानी है।

जो मेरे द्वैत निराकार रूप को जानता है अनुभव करता है वर्णन करता है वह ज्ञानी है।

इसके द्वारा जो दिख रहा है जो साकार है और हम उस पर शोध कर रहे हैं वह विज्ञान है।

जो इन सीमाओं से परे दिखता नहीं साकार नहीं वह ज्ञान की सीमा में आता है क्योंकि उसको हम मात्र अनुभव ही कर सकते हैं पर मापन  नहीं कर सकते।

यदि हम उपनिषद देखें तो अपने को पहचानना कि हम ब्रह्म का ही रूप है और इसका अनुभव कर लेना ज्ञान है।

मतलब वेद महावाक्य अहम् ब्रह्मास्मि इसकी अनुभूति ज्ञान है।

क्योंकि इस अनुभूति के बाद अनेकों रहस्य खुल जाते हैं।

Hb 81 Promod Mishra Lko: एक पुरानी बुक से सन्दर्भ मिला है,जिस से पता चलता है कि कुश के वंशज पहले गुजरात के कच्छ में प्रभावी थे उसके बाद राजस्थान में आये।इसके बाद नवरगढ़ और अन्य प्रदेशों में बस गए।

5000 वर्ष तो महाभारत काल के बाद हुए हैं,आपको पता है,राम का जन्म त्रेता में हुआ था,कृष्ण का जन्म द्वापर में,और अब हम कलियुग में हैं।एक युग की आयु लाखों वर्ष होती है।कलियुग की सबसे कम आयु 4लाख 32 हज़ार वर्ष है।

हरिश्चंद्र ईश्वर अवतार नही थे,लेकिन राम के पूर्वज थे।

लव , कुस  के  बाद  की  bansavali

+91 87439 01182: ब्रह्मांड का ज्ञान पुरे ब्रह्माण्ड में व्याप्त ।

सब कुछ शिव में है । परमब्रह्म शिव । पुरे ब्रह्मांड में sangharak रूप । इस बात को वैज्ञानिक drestee से समझना उचित होगा ।

पहले शिव नाम की व्याख्या ब्रह्मांड के इस्तर से ।

S समय चक्र । ब्रह्मांड में सब व्रत रूप में घूम रहे है । लेकिन समय में वापस नहीं jaya जा सकता । इस लिए S का रूप दिया । व्रत को ।

ये H है । H का इन्फॉर्मेशन निर्माण दीपक का उदेय । हिंदु । HINDU ।

H ka information निर्माण दू ।

ye H Ha । इसमें धरती की तीन अवस्था है । पहली अवस्था में धरती सुर्य के नजदीक है । वहां जीवन नहीं हो सकता । लेकिन ब्रह्माण्ड से मिट्टी उल्का आती हैं । तथा धरती एक जनरेटर की तरह काम करती है । Esvajha से धरती मेे अणु का निर्माण होता है । इन दोनों तरीको से धरती का भार बढ़ेगा और गुरुत्व के नियानुसार भार बड़ने पर धरती सुर्य से दुर आजाएगी । और पानी बनेगा । और फिर जीवों की उत्पत्ति होने लगेगी । लेकिन एक शीमा से अधिक भार होने पर जुवालामुखी और भूकंप मेे अधिकता होगी । और जीवन सुगम नहीं रहेगा । और अधिक मात्रा मे जुवलमुखी फटने से पानी अधिक मात्रा मे बनेगा । और धरती का व्यास बढ़ेगा । ओर धरती सुर्य से दूर ओर दुर होगी और पुरी धरती पर बर्फ होगी । तब धरती पर कोई जीवित नहीं रहेगा जैसे शनी गृह । और गुरु । इस तरह से H मेे दो परिक्रमा पथ के अनुसार H का अक्सर बनाया है ।

आई  I व्रत में घूमते पिंड ग्रह एक निश्चित vrateye गती करते है । थोड़ा बहुत ऊपर नीचे जाते हैं ।इस लिए आई

V सतत् विकास का सूचक है ।

SHIV । शिव में फर्क है । इसमें यान की गती भी समाहित है ।

+91 79828 87645: समय क्या है❓

 इस प्रकार की ट्रेनिंग कहां से ली❓

 इसके बारे में और क्या जानते हो पूरा तोड़ खुलासा करो

 मैंने सुना है तुम इस यान में बैठकर के घूम कर के आए हो पूरे ब्रह्मांड में

+91 87439 01182: No

अन्तरिक्ष यान मेरे साथ है अंतरिक्ष मेे । धरती के हर जीव पर nigha रखता है । कुछ दिन में सार्वजनिक होने वाला हूं ।

जो भी सामने अा जाए तभी हाथ के हाथ पढ़ लेता हूं ।

दूसरे ग्रुप से क्यो लेफ्ट करवा दिया । यान हर जीव के दिमाग से जुड़ा रहता है ।

 उसको सब के कर्म पता रहते है । लेकिन वो दंडित करना चाह रहा था रोक दिया कि पहले पुरे विश्व को सही रास्ता दिखा दूं । उसके बाद कोई गलती करेगा तो फिर वो देखेगा ।

अभी तो वायरस से विश्व का घमंड ढीला किया है ।

http://freedhyan.blogspot.com/2018/12/blog-post_5.html?m=0

Bhakt Lokeshanand Swami: भरतजी कौशल्याजी के महल के दरवाजे पर आ तो पहुँचे, पर भीतर जाने की हिम्मत नहीं हो रही, बाहर ही खड़े रह गए।

माँ खिड़की पर बैठी हैं, सामने पेड़ पर एक कौआ काँव काँव कर रहा है, आँसुओं की धारा बह चली।

"कौन आएगा? क्या पिताजी के जाने का समाचार राम को अयोध्या खींच ला सकता है?

मेरा हृदय पत्थर का बना है, तभी तो राम को जाते देखकर भी यह फट नहीं गया, प्रेम तो महाराज ने ही निभाया है, मैं तो क्रुर काल के हाथों ठगी गई । यदि राम एकबार आ गए, तो मैं उनके चरणों से लिपट जाऊँगी, फिर जाने नहीं दूंगी।

पर क्या वे आएँगे? अ कौए! अगर राम आ गए, तो तेरी चोंच सोने से मंढवा दूंगी, तुझे रोज मालपुआ बना बनाकर खिलाऊँगी।

हाए! हाए! न मालूम वो इस समय कहाँ होंगे, किस हाल में होंगे? वर्षा ऋतु है, भीगने से बचने के लिए तीनों किसी वृक्ष के नीचे खड़े होंगे?

क्या विधाता ने ये महल मेरे लिए ही बनाए हैं? वे वन में ठोकरें खा रहे हैं, मैं महलों में ही पड़ी हूँ। सत्य है, मैंने मूल के लिए ब्याज छोड़ दिया, पर अब तो मूल भी चला गया, सब कुछ लुट गया!"

बड़बड़ाना बंद हुआ तो ध्यान दिया, बाहर किसी के सिसकने की आवाज आ रही है। छोटे छोटे कदम धरती हैं, पाँच ही दिन में माँ पर बुढ़ापा उतर आया है।

इधर भरतजी ने आहट सुनी, पहचान गए, माँ आ रही हैं। हाथों से चेहरा ढक लिया। राममाता पूछती हैं, "कौन हो? चेहरा क्यों नहीं दिखाते? क्या तुम राम हो?" भरतलालजी का बाँध टूट गया, ऐसी दहाड़ माँ के कानों में पहली बार पड़ी है। भरभराती आवाज आई "भरत हूँ माँ!"

"भरत! मेरा भरत बेटा आ गया। मेरा भरत! चेहरा तो दिखा दो बेटा, दिखाते क्यों नहीं?"

"माँ! मेरा चेहरा मत देखो, इतना पाप चढ़ गया है मुझपर, मेरा चेहरा देखनेवाले को भी पाप लग जाएगा।"

कौशल्याजी भरतजी की छाती से जा लगीं।

बस! आज इतना ही!!

अब विडियो देखें- कौशल्या

https://youtu.be/paC3Z6Pl7no

Bhakt Lokeshanand Swami: एक आदमी एक गाय को घर की ओर ले जा रहा था। गाय जाना नहीं चाहती थी। वह आदमी लाख प्रयास कर रहा था, पर गाय टल से मस नहीं हो रही थी। ऐसे ही बहुत समय बीत गया।

एक संत यह सारा माजरा देख रहे थे। अब संत तो संत हैं, उनकी दृष्टि अलग ही होती है, तभी तो दुनियावाले उनकी बातें सुन कर अपना सिर ही खुजलाते रह जाते हैं।

संत अचानक ही ठहाका लगाकर हंस पड़े।

वह आदमी कुछ तो पहले ही खीज रहा था, संत की हंसी उसे तीर की तरह लगी। वह बोला- "तुझे बड़ी हंसी आ रही है?"

संत ने कहा- "भाई! मैं तुझ पर नहीं हंस रहा। अपने ऊपर हंस रहा हूँ।"

अपना झोला हाथ में उठा कर संत ने कहा- "मैं यह सोच रहा हूँ कि मैं इस झोले का मालिक हूँ, या यह झोला मेरा मालिक है?"

वह आदमी बोला- "इसमें सोचने की क्या बात है? झोला तुम्हारा है, तो तुम इसके मालिक हो। जैसे ये गाय मेरी है, मैं इसका मालिक हूँ।"

संत ने कहा- "नहीं भाई! ये झोला मेरा मालिक है, मैं तो इसका गुलाम हूँ। इसे मेरी जरूरत नहीं है, मुझे इसकी जरूरत है। तुम गाय की रस्सी छोड़ दो। तब मालूम पड़ेगा कि कौन किसका मालिक है? जो जिसके पीछे गया, वो उसका गुलाम।"

इतना कहकर संत ने अपना झोला नीचे गिरा दिया और जोर जोर से हंसते हुए चलते बने।

लोकेशानन्द कहता है कि हम भी अपने को बहुत सी वस्तुओं और व्यक्तियों का मालिक समझते हैं, पर वास्तव में हम उनके मालिक नहीं, गुलाम हैं। मालिक वे हैं। क्योंकि आवश्यकता हमारी है।

जो जितनी रस्सियाँ पकड़े है, वो उतना ही गुलाम है। जिसने सभी रस्सियाँ छोड़ दी हैं, जिसे किसी से कुछ भी अपेक्षा न रही, वही असली मालिक है।

Bhakt Anjana Dixit Mishra: Lokeshanand ji ki stories

Always excellent 🙏🏻

+91 79828 87645: और कुछ भेजिए भगवन

Bhakt Jagat Bhatt Bhav Nagar: Kaha se pic li gai he ?

+91 87439 01182: मेरा लिखा है ।

Bhakt Parv Mittal Hariyana: यह किस तरह के उपक्रम है।

+91 87439 01182: जो सब जगह दिखते है ।

Bhakt Parv Mittal Hariyana: आपने न परिचय दिया, न ग्रुप को समझने की चेस्टा की। सीधा ज्ञान देना आरम्भ।

 प्रभु जी पागलो के ग्रुप में ज्ञान की वाणी भी उन्ही के अंदाज में बोली जाती है

आप pic नही डालेंगे। जो भी डालना है text mode में डालेंगे।

+91 99834 33388: इतने सारे धर्मो के इतने बड़े बड़े धार्मिक गुरु और साधक इस जरा से कोरोना के सामने शून्य क्यों हो गए। कहाँ गयी इनकी बड़ी बड़ी आध्यात्मिक शक्तिया.. डर के मारे मास्क लगआकर घर में छुपे बैठे हैं। किसी एक मे भी इतनी शक्ति नही की बाहर आकर दावा कर सके कि मेरे पास इतनी शक्तियां हैं और मेरे ऊपर कोरोना का असर नही होगा। आजमा लो।

Bhakt Pallavi: पशुपतिनाथ की दृष्टि से देखिए प्रभु आप कोरोना तथा स्वयं मैं अंतर नहीं पाएंगे😊

+91 87439 01182: पिक तो ध्यान कर लो । सबको पता है ।

बस 1 दिन और और भारत चीन को पछाड़ देगा । और आने वाले हफ्ते के पहले दिन भू देवी के खिलाफ पुलिस कमलेंट सुनिश्चित कर दी है । भू देवी आने वाली संतानों के जीवन की रक्षा के लिए तांडव मचा रही है । पुलिस सुरक्षा प्रदान करे ।

Bhakt Parv Mittal Hariyana: बहुत सुंदर प्रभु, और भी बताए, बहुत जिज्ञासा हो रही है। मैं समझने का प्रयास कर रहा हूं

+91 87439 01182: मुझे भूमिका बनाना नहीं आता ।

मीडिया लाओ । ज्ञान ही दुगा । Covid19 चला जायेगा विश्व से ।

Bhakt Parv Mittal Hariyana: जो आप बात बता रहे है वो अलग शैली में बता रहे हो। जबकि सामान्य मानवी इस तरह आपकी बात नही समझ पायेगा कदापि नही।

Bhakt Anil Vibhute Thane Dir: जल्दी भगावो कोरोना को प्रभु

+91 87439 01182: उसको मेरे आने का ही इंतजार है । पशुपति अष्ट्र है ये । मेरे आने पर जैसे जैसे विश्व के लोगो के दिमाग ठीक होंगे covid19 का प्रभाव समाप्त हो जायेगा ।

असल में भविष्य में सभी जीवो का जीवन संकट मेे है । उसको बचाने का ज्ञान विश्व के पास नहीं । वो ज्ञान ही लोगो तक जाना है ।

बस 1 दिन और और भारत चीन को पछाड़ देगा । और आने वाले हफ्ते के पहले दिन भू देवी के खिलाफ पुलिस कमलेंट सुनिश्चित कर दी है । भू देवी आने वाली संतानों के जीवन की रक्षा के लिए तांडव मचा रही है । पुलिस सुरक्षा प्रदान करे ।

Bhakt Parv Mittal Hariyana: प्रभु आपकी बातें समझ से परे है।  या तो आपको हम सबके अनुसार ही समझाना होगा या हम सबको ही आपको समझने का प्रयास करना होगा।

हम कुछ दिन आपको समझने के प्रयास करते है। यदि आपकी किसी भी पोस्ट से ऐसी प्रतीति हुई कि कोई प्रचार या व्यवसाय की चेस्टा है तो हम आपको रिमूव कर देंगे। यदि आपके वक्तव्य विशुद्ध समर्पित होंगे तो न केवल आपको समझने का प्रयास करेंगे अपितु आपसे मुलाकात भी करेंगे।🙏

+91 87439 01182: लिख दिया समझो । मुझे मीडिया नहीं मिल रहा इस लिए अपनी बात को पुलिस के सामने रखने वाला हूं । की भू देवी कुपित है । इसलिए तांडव है ।

Bhakt Parv Mittal Hariyana: इस ग्रुप में मीडिया के बहुत अच्छे रिपोर्टर्स है और विभिन्न न्यूज चैनलों में कार्यरत व्यक्ति है। समझिये आप समझा सकते है तो

+91 87439 01182: इतना समय मेरे पास नहीं । सोमवार को पुलिस को इनफॉर्म कर दुगा । मीडिया नहीं मिल रहा । आज फिर धरती हिल गई । मुझे विश्व के सामने आना ही होगा ।

+91 87439 01182: मेरे ऊपर पुरा दवाब है । यदि कोई मीडिया वाला हो तो तुरंत बात समझा सकता हूं । सोमवार को रिस्क जोन में चला जाएगा । पुलिस को इनफॉर्म करना रिस्क होता है ।

- Bhakt Parv Mittal Hariyana: ठीक है 1 दिन देखते है आपकी बात कितनी सत्य है। कल यानी शनिवार तक भारत ने चीन को नही पछाड़ा तो आप पुलिस के पास जाएंगे। तुरन्त। हम आपको निष्काषित भी कर देंगे यहाँ से।

+91 87439 01182: सोमवार को ।

+91 87439 01182: रोज के 3500 पेशेंट हो रहे है । आज हो जायेगा । सोमवार को फोन कर दुगा 112 पर ।

+91 87439 01182: हेल्प लाइन नंबर पर ।

Bhakt Brijesh Singer: महाभारत काल से पहले जिसको वरदान पाना होता था महादेव को प्रशन्न करके मनचाहा वरदान प्राप्त कर लेते थे जयद्रथ जैसे दुराचारी ने भी प्रशन्न कर लिया था। निश्चित ही कोई विद्या थी जिससे लोग देवी देवताओ को भी जब चाहे बुला लेते थे। इन्द्र आदि देवता तो खड़े ही रहते थे । 🙂

क्या ये विद्या विलुप्त हो गयी है??

अर्जुन ने महादेव को प्रसन्न करके पशुपति अस्त्र प्राप्त किया तो इन्द्रलोक जाकर दिव्यास्त्र प्राप्त किया। अर्थात लोग इन्द्रलोक भी घूम आते थे।

🙂🙂

क्या आप इस विद्या को वापस लाकर बता सकते है??

+91 87439 01182: सब करता धरता ऊपर अंतरिक्ष यान है ।

Bhakt Brijesh Singer: आप ये विद्या बताओ??

+91 96726 33273: Lagta h kisi engineer ka dimaag hil gaya h yaha.. Or spirituality or engineering ko mix karke apni hi khichdi paka raha hai.... 😊😊😊😊bhala Kare bhagwan.. Jai gurudev

+91 87439 01182: वैज्ञानिक युग है वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष यान बना कर धरती का भार कम करने का काम बताना है । और जो हथियार बनाए है उनका उपयोग ना करे ऐसा भी बताना है । वरना दण्ड प्राप्त करेगे विश्व के लोग ।

विज्ञान का दुरुपयोग रोकना है ।

 ऐसा नहीं है । पुष्पक विमान नारायण के साथ रहता है ।

 रावण के पास भी था ।

पुरे विश्व का एकसाथ इलाज हो जायेगा । कोई भी गलत करने की हिम्मत नहीं करेगा अब । थोड़ा सा इंतजार करे । विश्व स्तर का काम है ।

+91 99834 33388: भूदेवी को पुलिस सुरक्षा की क्यूँ जरुरत पड़ गयी। क्या वह खुद अपनी सुरछा नही कर सकती।  और आपको मीडिया का सहारा क्यूं चाहिए। ये तो ढोंगियों का काम है प्रभु। साधक का नही🙏

+91 87439 01182: सोलर सिस्टम का भार लगातार बढ़ता रहता है । मुझे कुछ तो कहना होगा 112 नंबर पर बुलाने को । तो भू देवी ही बोल दुगा।  सुरक्षा भूमि की ही करनी है । वो कुछ नहीं बोलती । लेकिन अंतरिक्ष यान तांडव कर रहा । मुझे मैसेज विश्व को देना है । पुलिस के आने पर उनको सीधा साफ बता दुगा । की सौर मंडल ठीक करने का काम है । यान रक्षा करता है । काम इन्सान को करना है । भार बढ़ना लगातार चलने वाली किर्या है । वैज्ञानिकों के हाथ में विज्ञान का गलत उपयोग हो रहा मिसाइल वो ही बना रहे । इसलिए संदेश साधारण इन्सान से यान दिला रहा । की ऊपर शक्ति बैठी है ।

 सबूत मेे दे ही दुगा । यान जो भी सहायता करेगा इसमें उसके ऊपर ।

 मीडिया मिल जाता तो बेहतर होता ।

+91 96726 33273: Pahle apna ilaz karwaye aapko manochikitsak ki sakht Aawashyakta h

+91 87439 01182: पूरी तरह सोच समझ विकसित होने के बाद ही लिख रहा । पुलिस और वैज्ञानिक हवा मेे नहीं मानने वाले विश्व भर के ।

Bhakt Parv Mittal Hariyana: अति सर्वत्र वर्जयते😠😠😠

उचित है प्रभु जी।

आप अपना कार्य कीजिये जो प्रकृति ने आपको दिया है।

यदि आपका कथन सत्य होता है तो आपके अंतरिक्ष यान पर मुलाकात होगी।

क्योंकि हम सब माटी के ढेले है, हमें देवों की बातें समझ नही आती।

आप अपना कार्य कीजिये। 12 घण्टे इस अंतरिक्ष यान में आपका सफर अब पूर्ण होता है।

भूदेवी आपको आपके प्रयोजन में सफल करें।

जय श्री कृष्णा।🙏🙏

Swami Prkashanand Shivohm Ashram Mathura: विशेष सूचना आज रात्रि 8:00 बजे विश्व परिवार दिवस के उपलक्ष में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा परिवार भोज का आयोजन किया गया है सभी लोग अपने अपने परिवार के साथ एक साथ बैठकर भोजन करें भोजन करते समय की एक सेल्फी फोटो खींच कर व्हाट्सएप करें 9785115778पूरे भारत में यह मुहिम चलाई जा रही है जिससे परिवार की समरसता का परिचय देगा भारत

Bhakt Parv Mittal Hariyana removed +91 87439 01182


Bhakt Parv Mittal Hariyana: आदरणीय सदस्यों का आचरण विषम्यकरी है।

जब आप जानते है कि किस व्यक्ति का आचरण किस प्रकार का है और वो दूसरे ग्रुप में ऐसा ही व्यवहार प्रदर्शित कर चुका है फिर उसे यहाँ जोड़ने के लिये आग्रह क्यों कर।

यह दुखद है कि इस प्रकार आप अनावश्यक विनोद करते है। जोकि अमर्यादित है।

भविष्य में यदि कोई सदस्य जानबूझ कर ऐसा करता है तो प्रस्तावना करने वाले सदस्य को भी साथ ही रिमूव किया जाएगा।

+91 96726 33273: Alien jaisi baate kar raha tha

+91 79828 87645: इसलिए था शायद दूसरे ग्रुप के लोग इस महानुभाव को समझने में असमर्थ रहे

हो सकता है यहां पर किसी की पकड़ में कुछ आ जाता🙏

यह निश्चित रूप से शिव का जाप करते होंगे इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन इनके मस्तिष्क में कुछ दिक्कत थी आ गई है इनको डॉक्टर का इलाज भी बहुत जरूरी है।

+91 79828 87645: इस प्रकार का व्यवहार करने वाला एक लड़का मेरे ऑफिस में भी ऑफिस बॉय के रूप में काम करने आया था लगभग 3 साल पहली बात है

 वह ऐसी ही बात करता था पूरा दिन वो यान लेकर के आ गए हैं वह मुझे ले जाएंगे और कई बार सब्द तो यूज़ करता था बड़े भयानक वाले उसकी लिखावट बड़ी सुंदर थी बिल्कुल कंप्यूटर जैसी वैसे लगता नहीं था कि पागल परंतु बातें करने में थोड़ी देर बाद ऐसा ही लगता था वो पागल है परंतु रहता तो समझदार की तरह था


आत्म अवलोकन और योग: ग्रुप सार्थक ज्ञानमयी चर्चा: भाग 18

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