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यक्ष प्रतिज्ञा
यक्ष प्रतिज्ञा
विपुल लखनवी नवी मुंबई।
आओ मिलकर दिया जलाएं
दीया जलाकर देश बचाएं
दुनिया के आदर्श बन जाए
जहां आग हो उसे बुझाएं
धर्म संग मानवता जाने
घर के दुश्मन को पहिचाने
राष्ट्र चले विकास पथ पर
विकासशील देश कहलाएं
विपुल सबल जब राष्ट्र बनेगा
तब तक हम को चलना होगा
बाधाएं कितनी हो पथ पर
हर बाधाओं से टकराएं
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