Monday, September 14, 2020

यक्ष काढ़ा

 यक्ष काढ़ा

विपुल लखनवी।

काढ़ा मेरा बड़ा निराला।

काली मिर्च लौंग पीस कर डाला।।

पिसी हुई इलायची भी मिलाई।

पिसा पुदीना खड़ा धनिया रंग लाई।।

लेमनग्रास खुशबू निराली।

पिसी अदरक महिमा कह डाली।।

थोड़ा गुड़ अजवाइन भी डाला।

काला नमक तो बड़ा निराला।।


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