Saturday, October 17, 2020

यज्ञ हेतु अग्नि का गूढ़ मंत्र जो आपको कोई नहीं बताएगा।

 यज्ञ हेतु अग्नि का गूढ़ मंत्र जो आपको कोई नहीं बताएगा।

सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"


मित्रों सनातन में हवन या यज्ञ की बहुत महिमा है लेकिन कभी-कभी हवन या यज्ञ ऐसा बिगड़ जाता है की अग्नि प्रज्वलित नहीं होती है और अगर होती है तो भयंकर धुआं पैदा होता है लपटें पैदा नहीं होती है जिसके कारण मन में शंका बन जाती है कि हमारा हवन सही नहीं हुआ।



इस कारण मैं आपको एक मंत्र अग्निमंत्र बता रहा हूं जिसको आप अग्नि प्रज्वलित करने के पहले और अग्नि प्रज्वलित करते समय जाप कर ले और फिर अग्नि प्रज्वलित करें।
आप देखेंगे आपकी अग्नि की ज्वालाएं  हैं वह इतनी सुंदर निकलेंगी कि आपका दिल प्रसन्न हो जाएगा और आप का यज्ञ सफल हो जाएगा।



 इस मंत्र पर मैंने प्रयोग किए हैं और सफल हुए हैं आप लोग भी अपना फीडबैक देने का कष्ट करें।


ओम रं वहिर्चैतन्याय नमः।


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जय गुरूदेव जय महाकाली। महिमा तेरी परम निराली॥
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मां दुर्गा के नवरूप व दशविद्या व गायत्री में भेद (पहलीबार व्याख्या) 
जय गुरुदेव जय महाकाली।

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