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मां देवी स्कंदमाता की आरती
मां देवी स्कंदमाता की आरती
स्तुतिकार: सनातन पुत्र देवीदास विपुल "खोजी"
तेरे द्वार खड़ा हूं माता। पांचवा रूप है स्कंदमाता।।
तुझको नमन करें सुखदाता । तेरा मातारूप है भाता।।
तुझको कोटि नमन मां कोटि नमन।।
तेरी ज्योत जला मैं गाऊं । मात पलभर नहीं बिसराऊं।।
जग के पुत्र रूप जो सारे। तेरे पोषण ने हैं तारे।।
तुझको कोटि नमन मां कोटि नमन।।
अपनी प्रेमा भगती दे दो। मैय्या जी भक्ति शक्ति दे दो ।।
तेरी महिमा जग में गाऊं। तेरी गोदी कैसे आऊं।।
तुझको कोटि नमन मां कोटि नमन।।
हर बार जगती को बचाया। संकट जब धरती पर आया।।
तेरी महिमा विशुद्ध निराली। तेरी छवि है कितनी प्यारी।।
तुझको कोटि नमन मां कोटि नमन।।
माता तनिक दया कर देना। अपने दास विपुल तर देना।।
जो जन तेरी महिमा जानी। बन जाता वह वेद बखानी।।
तुझको कोटि नमन मां कोटि नमन।।
औषधि अलसी तेरी जानी। हर लो रोग सभी सुख बानी।।
जो जन तेरी आरती गावे। तीनों लोक की सिद्धि पावे।।
तुझको कोटि नमन मां कोटि नमन।।
माता दिवस पांचवा ध्याया। दुर्गा रूप तेरा है पाया।।
अब कृपा करो मातारानी। महिमा कोई बिरला जानी।।
तुझको कोटि नमन मां कोटि नमन।।
कर जोर विनय है भवानी। सुन लो दास विपुल की बानी।।
पूरित हो भक्त की हर इक इच्छा। प्रभु तीर्थ शिवोम् सदिच्छा।।
तुझको कोटि नमन मां कोटि नमन।।
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