Monday, September 14, 2020

आत्म अवलोकन और योग: ग्रुप सार्थक ज्ञानमयी चर्चा: भाग 20

 आत्म अवलोकन और योग: ग्रुप सार्थक ज्ञानमयी चर्चा: भाग 20


भावनात्मक ब्लैकमेल की संभावना। लॉक डाउन  में।

मित्रों जैसा कि अभी तक देखा गया है की विपक्ष के कुछ नेता और कुछ व्यक्तिगत मान्यताओं के लोग विरोध हर कीमत पर करना चाहते हैं वह कोरोनावायरस नहीं देखते हैं बल्कि सरकार की गलतियां अधिक देखते हैं और उनको फ्लाप करने के लिए और विरोध के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं यहां तक कि उनका विचार है कि वह मरने के लिए पैदा हुआ है और किसी भी कीमत पर मोदी को सफल नहीं होने देंगे।

यह तो निश्चित है लाक डाउन 4 में छूट दी जाएगी रियायत दी जाएगी क्योंकि कोई भी देश पूरा लाक डाउन कर भुखमरी की कगार पर पहुंचना नहीं चाहता है।

आप सड़क पर चल रहे हैं की अचानक एक छोटा सा खूबसूरत बच्चा रोता हूआ पास आकर आपके पैर को पकड़ लेता है। आपके अंदर भावनाएं हैं और आप क्रूर नहीं है आप दयालु हैं आपने उस बच्चे को गोद में ले लिया या उसके सर इत्यादि पर हाथ फिरा कर उसकी सहायता करने की सोची।

बस यहीं पर आप इस महामारी के शिकार हो गए।

क्योंकि वह बच्चा संक्रमित है या उसको संक्रमित करके आपके पास भेजा गया था ताकि आप इस रोग के शिकार हों और मृत्यु को प्राप्त करें।

आने वाले समय में इस तरह की अनेकों चालबाजियां भारत को‌ रोग मुक्ति नहीं होने देंगीं।

अतः सावधान रहिए स्वस्थ रहिए अपने घर में प्रसन्न रहिए।

इस पोस्ट को फैलाकर जनसेवा कीजिए लोगों को जागरूक कीजिए।

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Bhakt Sachin Goyal Meditation Delhi: प्रणाम विपुल जी

मुझे कुछ सूझ नहीं रहा इसलिये ये मैसेज कर रहा हूँ

Sir, हमारे घर में बहुत तनाव रहता है। हमारे घर मे वाणी पर किसी का नियंत्रण नहीं है । विशेषतः मेरी पत्नी का। वो हमेशा  बहुत ही कड़वी बाते बोलती है जिससे  अक्सर ही तनाव रहता है। वो मेरी बात बिल्कुल नही सुनती है और मुझे और मेरे माता पिता बहन सब को अपना दुश्मन मानती है

ऐसा लगता है कि घर मे कोई नेगटिव एनर्जी या ब्लैक मैजिक हो रहा है

कृपया कुछ बताइये क्या करना चाहिये

कभी-कभी कुछ व्यक्तिगत कारणों से भी तनाव पैदा होता है और मनुष्य जो अपेक्षा करता है वह उसको प्राप्त नहीं होती तो उसका व्यवहार बदल जाता है।

आपको व्यक्तिगत पोस्ट कर रहा हूं।

वैसे आप मां बगलामुखी का स्तंभन मंत्र कर सकते हैं। स्वामी तूफान गिरी महाराज ने इस ग्रुप में वह मंत्र डाला भी है।

उसके करने की विधियां नेट पर भी दी है।

आप वहां पर भी देख सकते हैं।

🙏🏻🙏🏻🙏🏻

जी प्रभु हटा दिया 🙏🌹

लेकिन यह करने के पहले आप दुर्गा सप्तशती का अर्गला कवच और कीलक एक बार पढ़ें। साथ ही माला करने के बाद क्षमा प्रार्थना पढ़ें।

Bhakt Ram Ji Orissa: कुंजिका बोल रहा है कि नहीं अर्गल ना ही कवच का कोई पाठ करने का आवश्यकता नहीं  सिद्ध कुंजिका पाठ कर लो हो जाएगा

नहीं यह तो बोनस है और यह सब की कुंजियां है।

Bhakt Shyam Sunder Mishra: हे भगवान। 😱🤔🤭😢😳

श्री संत समुदाय के नवागंतुक संत   श्री वीतरागी जी महाराज का इस आध्यात्मिक समूह में स्वागतम नमन वंदन अभिनंदन करता हूँ गुरु जी आपको श्याम सुंदर मिश्र का कोटि कोटि प्रणाम स्वीकार करें। 🌹🙏🌹🚩🚩

Amita Bhabhi: Sun's journey from Dakshinayan to Uttarayan. 12 photos taken across the year on the same day of every month from the same spot at the same time.

How wonderful the discipline of the nature.

But human's .......?

We must try to learn.......

Mrs Sadhna H Mishra: परम पूज्य स्वामी वीतरागानंदजी महाराज, का हम सभी सदस्यों की ओर से अनंत प्रणाम ।श्री स्वामी जी  वेदांत के मर्मज्ञ और उच्च कोटि के विद्धान हैं।उनकी ख्याति पूरे भारत में है,उनसे नम्र निवेदन है कि वे हम सभी  का मार्ग प्रशस्त करें।🙏🏽🙏🏽🙏🏽🌻🌻🌻

Bhakt Shyam Sunder Mishra: महाराजा जी यह तो हम संत एवं ऋषि परंपरा से जुड़े सनातनियों का परम कर्तव्य है ऋषिवर।

कृपया अपने श्रीमुख से ज्ञान गंगा की अमृतमयी वर्षा करके हम सभी श्रद्धालु भक्तों की भगवत प्राप्ती की अभिप्सा और तृष्णा को तृप्त करें बाबा जी।

 Bhakt Jagat Bhatt Bhav Nagar: प्रभु,,आप हनुमान चालीसा का पाठ भी साथ मे सुबह शाम करो,,घर के मंदिर में 7दिन पानी का कलश थक्कन के साथ रखो,,ओर वो पानी पीपल में छोड़ दो।

Bhakt Shyam Sunder Mishra: *देवी चित्रलेखा जी* की *गाय हिन्दू की, और बकरा मुसलमान का* वाली शेरो शायरी

*व्यास पीठ* के मंच से मस्जिद की अज़ान के लिए कथा रोक दो वाले बयान पर

लाइन दर लाइन,

*आचार्य अंकुर आर्य* जी का तर्कों से भरपूर यह वीडियो अवश्य देखें 🙏

भागवत कथा के मंच से अल्लाह के नाम का नाच गाना, शेरो शायरी आदि बंद हो इसके लिए इस वीडियो देखकर सेक्युलरों तक पहुँचाएं

https://youtu.be/RSFVFruG5NA

पुराना वीडियो भी देखें

https://youtu.be/Hdy1NMpMhwM


Hb 96 A A Dwivedi: अध्यात्म के अवलोकन करने हेतु यह समुह बनाया गया है।।

चर्चा का स्तर कम होता जा रहा है और कोई भी ज्ञानवरधक चर्चा नहीं हो रही है।।

न कोई अवलोकन हो रहा है और हिन्दू मुस्लिम इन सबसे इसे मुक्त रखें🙏🙏

Bhakt Parv Mittal Hariyana: बिल्कुल सही कह रहे हो प्रभु।

विपुल जी से आग्रह है साधन पर बल देने का सर्वाधिक प्रयास हो। ज्ञान चर्चा जोकि कॉपी पेस्ट के अतिरिक्त कुछ नही है। इसे त्वरित बन्द करवाये और साधन के महत्व को प्रतिपादित करें। संख्या बल के साथ उत्कृष्टता पर पूर्ण ध्यान हो। इस ग्रुप के कारण बहुतेरों के जीवन मे अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है इस महत्ता को सभी जाने, माने और निभाये।

सभी सदस्य इस हेतु प्रयास करें और एडमिन वर्ग तो इस हेतु बलपूर्वक समर्पित रहे। तभी महत्ता है। अन्यथा नही। किसी भी जिज्ञासा का उत्तर अनुभवजन्य हो, कोई भी सदस्य या एडमिन इस हेतु सतर्क रहें।

Hb 96 A A Dwivedi: ऋषियों की परम्परा सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए हमारे गुरु महाराज लोगों ने अपना सर्वस्व त्याग कर दिया और वो आचरण पेश किया जिसमें उतरने पर अनुमान जैसी कोई चीज नहीं होती है होता है सिर्फ अनुभव।।

लेकिन सनसार में  धन और संपत्ति के लिए कार्य कर रहे लोगों के प्रति हि आकर्षण होता है यही कलियुग है।।

जो भी व्यक्ति अपने भीतर प्रवेश करने की कोशिश करेगा ईश्वर का आशीर्वाद जरूर प्रापत होता है और खुली आंखों से सिर्फ वो जानकारी मिलती है जो पटल पर पहले ही मौजूद हैं और नश्वर है।।

छिद्र वाले घड़े कि भांति जीवन कम हो रहा है और काल देखकर हंस रहा है कि यह कापी पेस्ट वाले हैं बहुत ही स्वादिष्ट होंगे।।

गुगल से ही मुक्ति मिलती तो आंख बंद करने की जरूरत हि नहि थी।।

टैक्नोलॉजी का उतना ही उपयोग करना चाहिए जितना आवश्यक है।।

महामारी से लडने के लिए अपने शरीर को मजबूत बनाएं और आत्म विश्वास के साथ ईश्वर को समर्पित रहते हुए साधना करें।।

Bhakt Varun: विपुल जी प्रणाम। कृपया मुझे बताएं कि साधक को प्याज क्यों नहीं खाना चाहिए?

+91 96726 33273: Ek mantra Ho. Jo gurumukh se Mila ho to ati uttam.. Ek dev ho.... Phir sab kuchh mil jaata h.  . Time lag sakta h. Par milega jaroor... Bas ek k hi ho jaao..

Pyaj khane se naadi shodhan me problems aati h

+1 (913) 302-8535: It is not only important but a prerequisite for a devotee to stay away from consuming any negative products as they create obstacles in the upward spiritual journey. Few examples of negative products are any kind of meat, egg, negative self-talk, criticising, condemning, and ridiculing any individual, reading, listening. or watching literature, conversations, and movies, intentionally harming someone and such. In fact, Sadhna will have negative, sometime very negative impact on individual who is not trying to purify himself / herself and jump right away in the ocean of Sadhna.

It takes years to purify oneself internally. This is where a capable Guru is required. One who can hold your hand, protect you from negativity, shows the right path of doing Sadhna, and forgives you for your mistakes.

The next question is how can I find such a Guru. The simple answer is that one should have a strong desire to purify oneself, stay away from "Asakti" or attachment, and do the darshan of lotus feet of God or Goddess. God will send the right person, an able Guru, in your life at the right time. The prerequisite is that one should have pious and strong intention to do "darshan of lotus feet" of God.

Finally, one should never attempt to seek divine power to control someone. Never. However, it is appropriate to ask for protection and solution for worldly problems from God as these small worldly problems (relationship, marriage, money etc.) will create distractions in Sadhna.

Bhakt Varun: कैसे करते हैं नाड़ी शोधन

लहसुन और प्याज तामसिक माने जाते हैं। यूं ही मन में विकृति उत्पन्न करते हैं साथ ही शरीर में आलस्य और प्रमाद भी पैदा करते हैं।

तुमको यह सब करने की आवश्यकता नहीं है शक्ति स्वयं सब कराती है।

यह सब प्राणायाम हैं।

+91 99924 98893: ये कलयुग है इसमें भक्ति कैसे भी करलो सब ठीक है ,उठ कर ,बैठ कर, सोते समय ,नहाते समय ,बोलतेसमय, जागते समय ,काम करते समय , भगति में फंड का कोई महत्व नही है, जब मन करे भगवान का चिंतन करो यही भगति है, जिनका चिंतन शुद्ध है यही भगति है , भगवान का चिंतन ही भगति है , भजन करने से कुछ नही होता,

 

गुरु ढूंढ रहा हूं कई सालों से 🙏


जब तक वक़्त नही आता तब तक गुरु नही मिलते।  ,,,,,हम 15  साल के थे जब हमको गुरु मिले।  सब पिछले जन्मों की।  कहानी होती है।


मेरा उत्तर

गुरु को ढूंढा नहीं जाता है गुरु खुद शिष्य को ढूंढ लेता है।

इस गुरु के चक्कर में किसी गुरु घंटाल के चक्कर में मत पड़ जाना।

सत्य सुंदर उपाय होता है अपने इष्ट का अपने कुलदेव का सतत निरंतर मंत्र जप करो यह मंत्र जप तुमको गुरु से लेकर निर्वाण तक योग से लेकर ब्रह्म ज्ञान तक स्वत: पहुंचा देता है।

यदि उचित लगे तो अपने ही घर पर बिना पैसे खर्च किए बिना गुरु के सचल मन वैज्ञानिक ध्यान की विधि करो जो तुमको अनुभव के साथ गुरु तक पहुंचाने में सहायता कर देगा। लिंक नीचे है।

http://freedhyan.blogspot.com/2018/04/blog-post_45.html


 Hb 87 lokesh k verma bel banglore

*पद्माकरं दिनकरो विकचीकरोति*

 *चन्द्रो विकासयति कैरवचक्रवालम्।*

*नाभ्यर्थितो जलधरोSपि जलं ददाति*

 *सन्तः स्वयं परहिते सुकृताभियोगा:*

*जैसे बिना किसी के द्वारा प्रार्थना किये ही सूर्य कमल-समूह को विकसित करता है, जैसे चन्द्रमा कैरव–समूह को प्रफुल्लित करता है, तथा जिस प्रकार मेघ प्राणियों को जल देता है,उसी प्रकार महापुरुष स्वाभाविक, स्वयं ही परहित में लगे रहते हैं।*

*Like the Sun praying without anybody, the Sun develops the lotus group, Like the moon  hilarious the caravans group. And the way the cloud gives water to the creatures, In the same way, great men are natural, engaged themselves in benevolence.*

लोकेश कुमार वर्मा Lokesh Kumar Verma*

Swami Veetragi R Sadhna Mishra: *अश्वत्थः*  सर्ववृक्षाणां  देवर्षीणां  च  नारदः।

गन्धर्वाणां चित्ररथः सिद्धानां *कपिलो मुनिः*।।

मैं  सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष, देवर्षियों में *नारद मुनि*, गन्धर्वों में *चित्ररथ* और सिद्धों में कपिल मुनि हूं

।।१०/२६।।

• Among all trees, I am Asvattha (the holy *fig tree*); among the celestial sages, *Narada*;

• among the Gandharvas (celestial musicians), *Citraratha*,

• and amomg the Siddhas, I am the sage *Kapila*.

(10/26)

Swami Veetragi R Sadhna Mishra: <Media omitted>

Bhakt Lokeshanand Swami: भरतजी कहते हैं, गुरुजी! मैं आर्त हूँ, ठगा गया हूँ, विधि ने मुझे ठगा है, ऐसा कौन सा कुकर्म है जो मैं नहीं कर सकता।

गुरुजी, लोग मेरे लिए चाहे जैसा बोलते हों, मुझे दुख नहीं, पिताजी स्वर्ग चले गए, उसका भी मुझे दुख नहीं, आपके सम्मुख उत्तर देता हूँ और मेरा हृदय फट नहीं जाता, इसका भी दुख नहीं।

पर मुझे एक बात का दुख है कि श्रीसीतारामजी को मेरे कारण कष्ट सहना पड़ रहा है, इस सारे अनर्थ का कारण मैं हूँ। कैकेयी का पुत्र कैकेयी से भी अधम है क्योंकि कारण से कार्य कठिन होता ही है।

यह तो वह सिंहासन है जिस पर भागीरथ बैठते थे, दिलीप, हरीशचंद्र, महाराज रघु बैठते थे, इसपर मुझ पापी को बिठाइएगा तो पृथ्वी रसातल में डूब जाएगी। मैं ही अयोध्या के दुख का एकमात्र कारण हूँ, मेरे में इसे हाथ से छूने भर की भी योग्यता नहीं है।

गुरुजी ने पूछा, भरत! इस पृथ्वी पर हिरण्यकशिपु जैसे राजा हो गए, रावण जैसे राजा हैं, तब भी पृथ्वी रसातल को नहीं गई, तुम्हारे बैठने से चली जाएगी? भरतजी ने कहा, गुरुजी! वो तो रामजी के कुछ नहीं थे, वे पाप करके राजा हो गए इसमें हैरानी नहीं, पर यदि राम का भाई भी वैसा ही करेगा तब तो पृथ्वी रसातल को चली ही जाएगी।

फिर भी गुरुजी, यदि पिताजी की आज्ञा मानने न मानने का प्रश्न है, तो उन्होंने स्वयं मुझे राजपद दिया है, माने राजा का पद दिया है, राजा तो रामचन्द्रजी हैं, और आपने ही पढ़ाया था कि पद माने चरण होता है, मुझे तो प्रिय पिताजी ने रामचन्द्रजी के चरणों की सेवा दी है।

मैं तो उन्हीं चरणों में जाऊँगा गुरुजी! मैं सिंहासन पर नहीं बैठूंगा।

देखें, किस प्रकार से सच्चा संत बड़े से बड़े सिंहासन को भी ठोकर मार कर, रामजी जिस मार्ग पर चले, उस मार्ग का अवलम्बन करता है।

अब विडियो देखें- भरत वशिष्ठ संवाद

https://youtu.be/Prno51D86U0

Bhakt Lokeshanand Swami: मैं मौमु सेठ के बारे में बहुत तो नहीं जानता, पर इतना तो जानता ही हूँ कि वह पहले से ही सेठ नहीं था। वह तो एक गरीब आदमी था, झन्नु उसका नाम था।

झन्नु हमेशा झन्नाया रहता। बिना बात का झगड़ा करना तो उसके स्वभाव में ही था। किसी ने पूछ लिया कि झन्नु भाई टाईम क्या हुआ होगा? तो झन्नु झनझना जाता और कहता- यह घड़ी तेरे बाप ने ले कर दी है? यहाँ टाईम पहले ही खराब चल रहा है, तूं और आ गया मेरा टाईम खाने। भाग यहाँ से।

अब ऐसे आदमी के साथ कौन काम करे? न उसके पास कोई ग्राहक टिकता, न नौकर। यही कारण था कि वो जो भी काम करता था, उसमें उसे नुकसान ही होता था।

कहते हैं कि एक संत एक बार झन्नु के पास से गुजरे। वे कभी किसी से कुछ माँगते नहीं थे, पर न मालूम उनके मन में क्या आया, सीधे झन्नु के सामने आ खड़े हुए। बोले- बेटा! संत को भोजन करा देगा?

अब झन्नु तो झन्नु ही ठहरा। झन्ना कर बोला- मैं खुद भूखे मर रहा हूँ, तूं और आ गया। चल चल अपना काम कर।

संत मुस्कुराए और बोले- मैं तो अपना काम ही कर रहा हूँ, बिल्कुल सही से कर रहा हूँ। तुम ही अपना काम सही से नहीं कर रहे।

झन्नु झटका खा गया। उसे ऐसे उत्तर की उम्मीद नहीं थी। पूछने लगा- क्या मतलब?

संत उसके पास बैठ गए। बोले- बेटा! मालूम है तुम्हारा नाम झन्नु क्यों है? क्योंकि झन्नाया रहना और नुकसान उठाना, यही तुम करते आए हो।

अगर तुम अपना स्वभाव बदल लो, तो तुम्हारा जीवन बदल सकता है। मेरी बात मानो तो चाहे कुछ भी हो जाए, खुश रहा करो।

झन्नु बोला- महाराज! खुश कैसे रहूँ? मेरा तो नसीब ही खराब है।

संत बोले- खुशनसीब वह नहीं जिसका नसीब अच्छा है, खुशनसीब वह है जो अपने नसीब से खुश है। तुम खुश रहने लगो तो नसीब बदल भी सकता है। तुम नहीं जानते कि कामयाब आदमी खुश रहे न रहे, पर खुश रहने वाला एक ना एक दिन कामयाब जरूर होता है।

झन्नु बोला- महाराज! दुनिया बड़ी खराब है और मेरा ढंग ही ऐसा है कि मुझसे झूठ बोला नहीं जाता।

संत बोले- झन्नु! झूठ नहीं बोल सकते पर चुप तो रह सकते हो? तुम दो सूत्र पकड़ लो। मौन और मुस्कान। मुस्कान समस्या का समाधान कर देती है। मौन समस्या का बाध कर देता है।

चाहे जो भी हो जाए, तुम चुप रहा करो, और मुस्कुराया करो। फिर देखो क्या होगा?

झन्नु को संत की बात जंच गई। और भगवान की कृपा से उसका स्वभाव और भाग्य दोनों बदल गए। फल क्या मिला? समय बदल गया, झन्नु मौन और मुस्कान के सहारे चलते चलते मौमु सेठ बन गया।

लोकेशानन्द कहता है कि आप टेलिविज़न नहीं हैं जो आपका रिमोट दूसरे के हाथ रहे। वह चाहे तो आप हंसें, वह चाहे तो रोएँ। हमारा चेहरा हमारा है। यह हंसेगा या रोएगा, इसका निर्णय दूसरा क्यों करे? अभी निर्णय करो, कि चाहे कुछ भी क्यों न हो जाए, हम सदा मुस्कुराएँगे। तब दुनिया में कोई भी आपके चेहरे की मुस्कान न छीन पाएगा। याद रहे-

"गुजरी हुई जिंदगी को कभी याद ना कर,

तकदीर में जो नहीं तो फ़रियाद ना कर।

जो होना होगा वो होकर ही रहेगा,

कल की फिक्र में आज हंसी बर्बाद ना कर॥"

http://freedhyan.blogspot.com/2018/04/blog-post_9.html?m=0

http://freedhyan.blogspot.com/2019/02/blog-post_22.html?m=1

 हे प्रभु। हम अज्ञानी नहीं जानते कि हम एक फोटो पोस्ट करने से तेरी बनाई प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं।

🙏🏻🙏🏻💐💐🙏🏻🙏🏻

Bhakt Rishi Srivastva Fb 1: गुरुवर मुझे 100 करोड़ हिन्दू ग्रुप का फेसबुक पर मॉडरेटर बनाया गया है और हिन्दू कम्युनिटी अमेरिका का पॉपुलर बैच होल्डर मिला है

सुंदर सेवा करते रहो।

आत्म अवलोकन और योग: ग्रुप सार्थक ज्ञानमयी चर्चा: भाग 21




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