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नवरात्रि के 9 दिन, मां के भोग अलग होते हैं
नवरात्रि के 9 दिन, मां के भोग अलग होते हैं
सनातन पुत्र देवीदास विपुल "खोजी"
प्रथम दिवस नवरात्र के ,गौ घृत खीर ।
शैलपुत्री पूजन।
तिथि द्वितीय को ब्रह्मचारणी रूप।
मिश्री चीनी भोग।
तिथि तृतीया चन्द्रघंटा।
दुग्ध मलाई।
चतुर्थी माँ कुष्मांडा।
मालपुए
तिथि पंचम स्कन्दमाता।
केला भोग।
षष्ठी तिथि कात्यायनी।
शहद भोग।।
सप्तम कालरात्री
गुड़ मेवे का भोग हो।
अटम महागौरीभोग
नारियल पान।
कन्या भोज सम्मान।
नवम दिवस माँ सिद्धिधात्री।
तिल अन्न।
आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ।।
जय गुरुदेव जय महाकाली
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जय गुरूदेव जय महाकाली। महिमा तेरी परम निराली॥
🌹🌹🙏🙏
Danyavaad 🙏🙏🙏🙏👏👏👏👏👏
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