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मां महागौरी की आरती
मां महागौरी की आरती
स्तुतिकार: सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"
मात महागौरी रानी, शिव की शक्ती पटरानी।।
सिंह वाहन तुझे प्यारा, दीखे जो सबसे न्यारा।
तेरी जय हो मैय्या तेरी जय।।
याचक ने तुझको घेरा, सन्तन ने डाला डेरा।
भीमा विमला रूप धारा, शिव ने शक्ति है वारा।।
तेरी जय हो मैय्या तेरी जय।।
हिमांचल पुत्री बन आईं, शिव को तप से हैं ब्याहीं।
शिव भी तुमको है ध्याते, लीला वह तुमसे पाते।।
तेरी जय हो मैय्या तेरी जय।।
दम्भी दक्ष ने यज्ञ कराया, शिव को नहीं था बुलाया।
शिव का अपमान न सहती, मृत्यु कुंड में धर लेती।
तेरी जय हो मैय्या तेरी जय।।
तेरो दर्शन दुर्लभ जानी, सब जन संत सहित बखानी।
मैय्या सब सुख की हो दाता, तेरा भेद न कोई पाता।।
तेरी जय मैय्या तेरी जय हो।।
तेरा ऊंचा शिखर निवासा, तुम हो सहस्त्रसार की वासा।
तेरो नाम सदा जो जापे, शत्रु नाम से तेरे कांपे।।
तेरी जय मैय्या तेरी जय हो।।
प्रभु तीर्थ शिवोम् ने ध्याया, आरत दास विपुल ने पाया।
जो जन आरत तेरी गावे, निश्चय उच्च परम पद पावै।।
तेरी जय मैय्या तेरी जय हो।।
मैय्या एक दया कर देना, अपने भक्तन की सुध लेना।
जो कोई नवदुर्गा को ध्वावे, पूरित मनोकामना पावे।।
तेरी जय मैय्या तेरी जय हो।।
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जय गुरूदेव जय महाकाली। महिमा तेरी परम निराली॥
🙏
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