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Sunday, October 18, 2020

ध्यान और मंत्र जप में गहराई कैसे लाएं

 ध्यान और मंत्र जप में गहराई कैसे लाएं

सनातन पुत्र देवीदास विपुल "खोजी"

अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि ध्यान नहीं लग पाता है और मंत्र जप में गहराई नहीं आ पाती है।



इसके लिए आपको कुछ साधारण प्रयास तो करने हीं पड़ेगे। ले



ध्यान में यदि आप अपने अंगूठे का ऊपरी हिस्सा और तर्जनी का ऊपरी हिस्सा आपस में मिलाकर आंख बंद करते हैं तो आप देखेंगे आपको कंपन महसूस होगा और ऐसा लगेगा की कोई ऊर्जा उंगलियों के माध्यम से घूम रही है।
आप देखेंगे आपके ध्यान में गहराई शीघ्र आ जाएगी।



दूसरी बात भोजन में और ध्यान में कम से कम 3 से 4 घंटे का अंतर रखें।



इसके अतिरिक्त ध्यान में अथवा मंत्र जप में बैठने के लिए कुछ आरंभिक कार्य कर लें।
पहला तो यह आपका आसन किसी गर्म कपड़े का होना चाहिए जिससे कि आपके शरीर की ऊर्जा धरती में न जा पाए।



इसके अतिरिक्त आप आसन पर बैठने के पश्चात मंत्र जप या ध्यान के पहले अपने शरीर के पांचों तत्वों को शांत करें।
सबसे पहले आप अपने मंत्र को बोलकर आगे पृ्थ्वी शांति बोलें। यह पांच बार करें।
जैसे अपना मंत्र बोला फिर उसी की आगे क्रम में पृथ्वी शांति।
पांच बात अपना मंत्र बोलकर पृथ्वी शांति करें।
इसी प्रकार 5 बार अपना मंत्र बोलकर जल शांति करें।
इसी प्रकार 5 बार अपना मंत्र बोलकर वायु शांति करें।
इसी प्रकार 5 बार अपना मंत्र बोलकर अग्नि शांति करें।
इसी प्रकार 5 बार अपना मंत्र बोलकर अंतरिक्ष शांति करें।



इसके बाद सर्वप्रथम गणेश को प्रणाम करें।
फिर अपने गुरु को प्रणाम करें।
फिर अपने इष्ट को प्रणाम करें।



इसके बाद अपना मंत्र जप या ध्यान आरंभ करें आप देखेंगे यह कितना सुखद परिणाम देता है।



जय गुरुदेव जय माता दी।


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जय गुरूदेव जय महाकाली। महिमा तेरी परम निराली॥



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मां दुर्गा के नवरूप व दशविद्या व गायत्री में भेद (पहलीबार व्याख्या) 
जय गुरुदेव जय महाकाली।

🙏

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