आप जिम्मेदार हैं पर्यावरण प्रदूषण के
सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"
विपुल सेन उर्फ विपुल “लखनवी”,
सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"
विपुल सेन उर्फ विपुल “लखनवी”,
क्या आप अंजानें में पर्यावरण का विनाश कर प्रदूषण को तो नहीं फैला रहे है। मेरा मतलब जितना अधिक मोबाइल इस्तेमाल उतना अधिक पर्यावरण का
विनाश। जी सही है। आप पर्यावरण नष्ट कर रहे हैं।
आप चौंके नहीं। आगे पढें।
पहली बात नेट यानि आपका मोबाइल से सर्वर सब बिजली से चलते है।
बिजली पर्यावरण को नष्ट कर पैदा होती है। अतः अधिक बिट्स की पोस्ट यानी अधिक
प्रदूषण।
फोटो कई जी बी तक की होती है।
फोटो के साथ अक्सर वायरस आते है।
भारत मे 80 प्रतिशत प्रात सन्देश मूर्खतापूर्ण गुड़ मानिग जैसे पोस्ट होते है।
विश्व मे भारतीय सबसे बेवकूफी के ऐसे ही सन्देश देते है।
3 विश्व मे पर्यावरण प्रदूषण सबसे अधिक नेट के कारण होता है।
बिजली कोयले से पानी से बनती है यानी पर्यावरण असंतुलन पैदा कर के बनती है।
अतः ऊर्जा की बचत। ऊर्जा की उपज।
इंजीनियर जानते है स्टीम इंजन कारनाट साइकिल है जिसकी क्षमता 30 प्रतिशत अधिकतम होती
है।
यानी 100 किलो शुध्द कोयला जलकर मात्र 30 किलो कोयले के बराबर
ऊर्जा पैदा करेगा।
अशुध्द कोयला कितना जलेगा। सोंचे।
यानी कितनी जमीन खोदी। पर्यावरण विनाश।
फिर यह ऊर्जा टरबाइन चलाएगी उसकी क्षमता।
फिर ट्रांसमिशन में 35 प्रतिशत तक नुकसान।
फिर आपके घर के यंत्र की क्षमता।
यानी यदि आप घर पर 1 यूनिट बिजली बचाते
है तो 10 यूनिट के बराबर पर्यावरण बचाते है।
अब
आप सोंचे आप इस बेकार की पोस्टो से कितना पर्यावरण प्रदूषण कर रहे है।