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Monday, October 26, 2020
संक्षिप्त अष्टखंडी ब्रह्मज्ञान प्रश्नोत्तरी! खंड 1 ( यह प्रश्नोत्तरी कहीं नहीं मिलेगी) / brahm gyan kaya khand 1
संक्षिप्त अष्टखंडी ब्रह्मज्ञान प्रश्नोत्तरी! खंड 1
लेख लिंक 👉👉गुरु की क्या पहचान है?👈👈
👉👉क्या होता है अह्म ब्रह्मास्मि और आत्म ज्ञान तत्व👈👈
👉👉मातृ शक्ति इच्छापूर्ती बीज मंत्र 👈👈
पहला उपासना मार्ग जिसमें नवधा भक्ति आती है जो साकार द्वारा होती है।
👉👉गीता सार और कुछ उत्तर 👈👈
👉👉सहस्त्रसार चक्र क्या है 👈👈
Friday, October 23, 2020
कैसी हो सफल हवन
कैसी हो सफल हवन
सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"
मित्र अक्सर लोग शिकायत करते रहते हैं कि इतना सब करने के बाद इतना सारा घी खर्च करने के बाद कपूर के बाद में भी हवन में ज्वाला नहीं पैदा होती है। और हवन सफल नहीं है ऐसा लगता है जिसके कारण मन में शंका और आशंका दोनों पैदा होते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं अग्नि के द्वारा ही देवताओं को अर्ध्य या हविष्य दिया जाता है और हवन द्वारा ही उनकी पुष्टि भी होती है!
अत: हवन का सही होना बहुत आवश्यक है।
इसके लिए कुछ बातों पर आप विचार करेंगे ध्यान देंगे तो बहुत ही सुंदर तरीके से यज्ञ संपन्न हो पाएगा।
पहले कुछ भौतिक बातें याद रखिए:
सबसे पहले आप जिस पात्र में हवन करना चाहते हैं वो थोड़ा चौड़ा हो जिससे कि हवा आसानी से जा सके और धुआं निकल सके।
यदि कुछ नहीं है तो लोहे की कढ़ाई में या लोहे की थाली में इसको किया जा सकता है।
उसमें जो आप समिधा डालते हैं उसको सबसे पहले आप कपड़े से साफ कर लें। और थोड़ा बहुत घी उसमें लगा दें।
हवन की सामग्री इस प्रकार डालें कि वह मुख्य ज्वाला को बाधित न करें।
अग्नि प्रज्वलन हेतु आप रुई का दीपक बनाकर उसको केंद्र में रखें क्योंकि दीपक अधिक समय तक चलता है और आपके हवन के दौरान डाले गए घी से उसकी अग्नि प्रज्वलित रहती है।
यदि आप की ज्वाला सही है तो आप पानीवाला भी नारियल डाल कर उस को भस्म कर सकते हैं।
कुछ आध्यात्मिक बातों पर भी ध्यान देने से ज्वाला सही निकलती है।
जिस पात्र में आप हवन कर रहे हैं सबसे पहले उसमें उस पात्र का पूजन करें मतलब बीच में स्वास्तिक बनाएं और उस पर रोली और अक्षत लगाकर हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
रूई की बाती को हवन कुंड में रखते समय आप अग्नि का बीज मंत्र पढ़ते रहे।
इसके पश्चात आप पहले 👉 अग्नि का बीज मंत्र 👈 पढ़ते नमन करें प्रार्थना करें और घी की सात आहुती लकड़ी पर डालें।
फिर गणेश जी के नाम पर और गुरु के नाम पर क्रमशः सात आहुति दे।
फिर अपने इष्ट मंत्र का जाप करते हुए भी इतनी ही आहुती दें।
इसके पश्चात आप हवन सामग्री की आहुति इन सभी को समर्पित करें।
इसके बाद आपको जिस मंत्र का हवन करना हो वह कर सकते हैं।
जब कभी आप बीच में लगे अग्नि शांत होने जा रही है तो कपूर का एक छोटा सा टुकड़ा अग्नि बीज मन्त्र के साथ आहुति दे दे।
आप देखेंगे मुश्किल से आपका तीन-चार चम्मच घी लगेगा और आप की ज्वाला है 1 से लेकर के 2 फीट ऊंची तक उठने लगेगी।
आपकी प्रार्थना बहुत काम करती है इसलिए अपने इष्ट को निरंतर माफी मांगते हुए क्षमा मांगते हुए अपनी साधारण बोलचाल में प्रार्थना करते रहे जैसे कि किसी से बात कर रहे हो।
जय गुरुदेव जय महाकाली
Thursday, October 22, 2020
मां सिद्धिदात्री की आरती
मां सिद्धिदात्री की आरती
चरण वंदनकार: सनातन पुत्र देवीदास विपुल खोजी
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
नव नौ रूपों मां दुर्गा बनाया, मानव को जीना सिखलाया।
धरम-करम सभी तुम ही बखानी, कर्म करता कर्मफल दाता की।।
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
हमको माता अज्ञान ने घेरा। बोझा बन फिरें धरा पर डेरा।।
मूढ़मति हम अभिमानी जगत में, कर विनती ज्ञान मान दाता की।
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
माता चराचर को हो बनाती, रंक को राजा पद पे सजाती।।
हर कण कण में है वास तुम्हारा, भाग्यहीन सौभाग्यदाता की।।
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
तुम सृष्टि को स्वयमेव बनाती। मरुधर में तूफान को चलाती।।
नाना शस्त्र धारण तुम करतीं। दुष्ट संहारिणी आतुर माता की।।
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
तेरे द्वारे पे भीड़ बहुत है। भक्तों को माता पीर बहुत है।।
कष्ट हरो तुम्हे धरती पुकारे। असुरहंत कालरूपी माता की।
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
नौ रूपों में सदा तुम रहतीं। सृष्टि का पालन नाशन भीं करतीं।।
मेरा पूजन स्वीकार हो माता, नवरूपों में अंतिम माता की।।
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
माता सर्वरूप तुम जगदंबे। तुम महाकाली तारा हो अम्बे।।
भक्तों की रक्षा परकट हो खम्बे। हर कण निवास जीवन दाता की।।
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
जो जन भजे आरती जो गाता। भक्तिभाव समरपण है लाता।।
तुम सब कुछ माता देनेवाली। शब्द हैं तेरे विपुल दाता की।।
अब माते आराधन स्वीकारो। समस्त जग दैत्य राक्षस संहारो।।
सत्य सनातन फिर से जग लाओ। दास विपुल आरती गाता की।।
आरती सिद्धिदात्री माता की, सृष्टि की पालक सिद्धि दाता की।।
विशेष तैयारी करें आठवे व नौवीं तिथि की। मां महागौरी व सिद्धिदात्री
विशेष तैयारी करें आठवे व नौवीं तिथि की।
मां महागौरी । मां सिद्धिदात्री
आपको आठवें दिन मां महागौरी की पूजन करनी है।
तत्पश्चात कन्या भोजन व पूजन करें।
आज रात्रि में शयन के पूर्व मां कालरात्रि को नमन करने के पश्चात मां महागौरी व सिद्धिदात्री का मंत्र जप करते हुए शयन करें।
मैंने आरतियों का संकलन किया था लेकिन प्रथम दिवस और द्वितीय दिवस की आरती में मात्रिक दोष मिले जिसके कारण गेयता में बहुत ही परेशानी हुई।
इस कारण मां की कृपा से मैंने अब सभी देवी के रूपों की आरती लिख दी है। पोस्ट भी कर दी है।
आप चाहें तो ब्लाग को सबक्राइब कर दे जिससे आपको जब कभी लेख डालूं तो सूचना मिलती रहे।
जय गुरूदेव जय महाकाली। महिमा तेरी परम निराली॥
मां जग्दम्बे के नव रूप, दश विद्या, पूजन, स्तुति, भजन सहित पूर्ण साहित्य व अन्य की पूरी जानकारी हेतु नीचें दिये लिंक पर जाकर सब कुछ एक बार पढ ले।
मां दुर्गा के नवरूप व दशविद्या व गायत्री में भेद (पहलीबार व्याख्या)
क्या तैयारी करें सातवे दिन की। मां कालरात्रि
क्या तैयारी करें सातवे दिन की। मां कालरात्रि
आशा है आप सब ने आज सचल मन वैज्ञानिक ध्यान विधि को मां कात्यायनी मंत्र के साथ संपन्न किया होगा और दिन भर मां का मंत्र पढ़कर शाम को आरती और हवन किया होगा।
आपको सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजन करनी है। रात्रि में शयन के पूर्व मां कात्यायनी को नमन करने के पश्चात मां कालरात्रि का मंत्र जप करते हुए शयन करें।
कल प्रातः सचल मन वैज्ञानिक ध्यान विधि के साथ लिंक में दिए हुए मंत्र के साथ दिनभर जाप करें।
रात्रि में पुनः आरती और हवन करें।
मैंने आरतियों का संकलन किया था लेकिन प्रथम दिवस और द्वितीय दिवस की आरती में मात्रिक दोष मिले जिसके कारण गेयता में बहुत ही परेशानी हुई।
इस कारण मां की कृपा से मैंने अब सभी देवी आंखों की आरती लिख लिया है और आज मां सरस्वती की कृपा से माताओं की नई आरती लिख दी है पोस्ट भी कर दी है।
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जय गुरूदेव जय महाकाली। महिमा तेरी परम निराली॥
मां जग्दम्बे के नव रूप, दश विद्या, पूजन, स्तुति, भजन सहित पूर्ण साहित्य व अन्य की पूरी जानकारी हेतु नीचें दिये लिंक पर जाकर सब कुछ एक बार पढ ले।
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