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Monday, April 1, 2019

मनोकामना पूर्ति साबरी मंत्र

मनोकामना पूर्ति साबरी मंत्र
सनातनपुत्र देवीदास विपुल "खोजी"

 विपुल सेन उर्फ विपुल लखनवी,
(एम . टेक. केमिकल इंजीनियर) वैज्ञानिक एवं कवि
पूर्व सम्पादक : विज्ञान त्रैमासिक हिन्दी जर्नल “वैज्ञनिक” ISSN 2456-4818
मो.  09969680093
  - मेल: vipkavi@gmail.com  वेब:  vipkavi.info वेब चैनलvipkavi
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उच्चारण की अशुद्धता की संभावना और चरित्र की अपवित्रता के कारण कलियुग में वैदिक मंत्र जल्दी सिद्ध नहीं होते। ऐसे में लोक कल्याण और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सरल तथा सिद्धिदायक शाबर मंत्रों की रचना गुरु गोरखनाथ आदि योगियों ने की थी। शाबर मंत्रों की प्रशंसा करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है


अनमलि आखर अरथ जापू। शाबर सिद्ध महेश प्रतापू।।


लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए जाल शम्बरम् से चुने हुए कुछ शाबर मंत्र एवं उनके प्रयोग की विधि यहां प्रस्तुत हैं।


विष्णुप्रिया लक्ष्मी, शिवप्रिया सती से प्रकट हुई कामेक्षा भगवती
आदि शक्ति युगल मूर्ति महिमा अपार,
दोनों की प्रीति अमर जाने संसार,
दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा व्यय घटा, दया कर माई।
ऊँ नमः विष्णुप्रियाय, ऊँ नमः शिवप्रियाय,
ऊँ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।


धूप-दीप से पूजन और नैवेद्य अर्पित करके इस मंत्र का सवा लाख जप करें, लक्ष्मी का आगमन चमत्कार प्रत्यक्ष दिखाई देगा। प्रत्येक कार्य सफल होगा, लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।


श्री शुक्ले महाशुक्ले, महाशुक्ले कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः।
लक्ष्मी माई सबकी सवाई, आओ चेतो करो भलाई,
ना करो तो सात समुद्रों की दुहाई,
ऋद्धि नाथ देवों नौ नाथ चैरासी सिद्धों की दुहाई।
इस मंत्र का एक माला जप नियमित रूप से करें, कारोबार में उन्नति होगी। जप के बाद दुकान पर चारों दिशाओं को नमस्कार करके धूप-दीप देकर फिर लेन-देन करें, धन लाभ होगा।


ऊँ क्रीं श्रीं चामुंडा सिंहवाहिनी
कोई हस्ती भगवती रत्नमंडित सोनन की माल,
उत्तर पथ में आप बैठी हाथ सिद्ध वाचा,
सिद्धि धन धान्य कुरु-कुरु स्वाहा।


दुर्गा के उपासक लक्ष्मी प्राप्ति के इस मंत्र का सवा लाख जप करें, सभी कार्य सिद्ध होंगे और राजे गार तथा लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।


ऊँ ह्रीं श्रीं ठं ठं ठं नमो भगवते,
मम सर्वकार्याणि साधय, मां रक्ष रक्ष शीघ्रं मां धनिनं।
कुरु कुरु फट् श्रीयं देहि, ममापति निवारय निवारय स्वाहा।।


धन प्राप्ति, कार्य सिद्धि या विपत्ति के निवारण के लिए इस मंत्र का जप करते हुए बेल के सात पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाएं और घर अथवा शिव मंदिर में इसका 108 बार जप नियमित रूप से करें, मनोकामना पूर्ण होगी।


ऊँ श्रीं श्रीं श्रीं परमाम् सिद्धिं श्रीं श्रीं श्रीं।


इस मंत्र की सिद्धि के लिए प्रदोष के दिन संध्या के समय शिवजी की पूजा के उपरांत इसका 3 माला जप करें। तत्पश्चात् अगर, तगर, केसर, लाल तथा, श्वेत चंदन, देवदारु, कपूर, गुग्गुल और अश्वगंध के फूल घी में मिलाकर उपर्युक्त मंत्र से 108 आहुतियां दें। लगातार सात प्रदोष यह प्रयोग करने से धन और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।


ऊँ भंवर वीर तू चेला मेरा, खोल दुकान बिकरा कर मेरा।
उठे जो डण्डी बिके जो माल भंवर वीर सो नहीं जाय।।


शनिवार को प्रातःकाल नहा धोकर हाथ में काले उड़द के इक्कीस साबुत दानें लेकर उक्त मंत्र को 21 बार पढ़कर दुकान के भीतर चारों ओर बिखेर देने से दुकान की बिक्री अभूतपूर्व रूप से बढ़ जाती है।


दुकान खोलने के बाद सफाई करके लक्ष्मी की फोटो के सामने ऊँ लक्ष्म्यै नमः मंत्र का एक माला जप करें, दुकान की बिक्री और लाभ में वृद्धि होगी। उक्त मंत्रों के अतिरिक्त निम्न मंत्र का भी 108 बार जप करें
ऊँ श्री शुक्ला महाशुक्ले निवासे। श्री महाक्ष्मी नमो नमः।।

यदि किसी व्यक्ति को धन प्राप्त करने में बार-बार रुकावटें रही हों तो उसे यह उपाय करना चाहिए।
108
पीस हकीक स्टोन लेकर  सिद्ध कराएं फिर हकीक स्टोन को लाल कपड़े के ऊपर विराजमान करें उनके ऊपर महालक्ष्मी की बैठी हुई प्रतिमा जिसमें लक्ष्मी जी के चरण कमल ना दिखें उस प्रतिमा की स्थापना करें साथ में धूप दीप फल प्रसाद जो आप कर सके उसके बाद मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। यह उपाय 40 दिनों तक किया जाना चाहिए। इसे अपने घर पर ही किया जा सकता है। उपाय के अनुसार धन प्राप्ति मंत्र का जप करना है। प्रतिदिन 108 बार।
मंत्र:   ऊँ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा।
इस मंत्र का जप नियमित रूप से करने पर कुछ ही दिनों महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो जाएगी और आपके धन में रही रुकावटें दूर होने लगेंगी।
रोज सुबह स्नान करने के बाद आप साफ कपड़े पहनें।
फिर घर के मंदिर के सामने या माता लक्ष्मी  की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठकर माता लक्ष्मी का ध्यान करें।
श्री गणेश का ध्यान करें।
फिर तुलसी के दानों की माला लेकर 108 बार ऊँ श्रीं श्रीये नमः इस छोटे से मंत्र का जाप करें।
अगर 108 बार नहीं कर पाएं या तुलसी की माला ना मिले तो कम से कम 21 बार जरुर जाप करें।
इस मंत्र के प्रभाव से लक्ष्मी की कृपा मिलती है। इसे लक्ष्मी का बीज मंत्र कहा जाता है।

शुक्रवार के दिन शाम को देवी लक्ष्मी की उपासना के पहले स्नान कर यथासंभव लाल वस्त्र पहन लक्ष्मी मंदिर या घर में लाल आसन पर बैठकर माता लक्ष्मी का ध्यान अक्षत और लाल फूल हाथ में लेकर नीचे लिखे मंत्र से करें -
महालक्ष्मी विद्महे, विष्णुपत्नी धीमहि, तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्।

माता के चरणों में फूल-अक्षत करने के साथ लाल चंदन, अक्षत, लाल वस्त्र, गुलाव के फूलों की माला चढ़ाकर कमलगट्टे की माला या तुलसी की माला से नीचे लिखे विशेष लक्ष्मी मंत्र का जप करें। श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै श्रीं श्रीं नम:

पूजा मंत्र जप के बाद माता को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।  घी के पांच बत्तियों वाले दीप से आरती कर देवी से सुख-वैभव की कामना करें।

दीपावली की रात मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ - दिया गेहूँ के ढेर पे जलाएं और कोशिश करें की दिया पूरी रात जले| आपके घर सुख समृद्धि की वृद्धि होगी|


जिनके घर आर्थिक परेशानी हो वो घर में भगवती लक्ष्मी का पूजन करें|
ॐ महालक्ष्मऐ नमः। ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः। ॐ श्रीं नमः

इन मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का जप करें रोज रात को चंद्रमा को अर्घ्य देंअर्घ्य देते समय : ॐ सोमाय नमः। ॐ चन्द्रमसे नमः। ॐ रोहिणी कान्ताय नमः। ॐ सोमाय नमः।  ॐ चन्द्रमसे नमः। ॐ रोहिणी कान्ताय नमः |

इन मन्त्रों से पूजन करें |



दिवाली की रात को चाँदी की छोटी कटोरी या दिए में कपूर जलने से दैहिक दैविक और भौतिक परेशानी/कष्टों से मुक्ति होती है| दिवाली के दिन स्फटिक की माला से इन मन्त्रों के जप करने से लक्ष्मी आती हैं।  ॐ महालक्ष्मऐ नमः। ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः। ॐ श्रीं नमःदिवाली की रात गणेशजी को लक्ष्मी जी के बाएं रख कर पूजा की जाये तो कष्ट दूरहोते हैं


अगर घर में चिक चिक खिच खिच हो या दुकान में बरकत नहीं हो तो *हर रविवार* को एक लोटे में जल भर कर २१ बार गायत्री मन्त्र (*ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात*) का जप कर के जल को दीवारों पर छाँट दे पर ध्यान रहे की पैरों के नीचे जल ना आये इसलिए दीवारों पे ही छाँटना है|

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