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Tuesday, October 9, 2018

क्षमा प्रार्थना काव्य



क्षमा प्रार्थना
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           विनतीकार: विपुल लखनवी नवी मुंबई  
                               9969680093                 

हे परमेश्वरी दया कर देना मेरी भूल क्षमा कर देना।
द्वारे तेरे आन पडे माँ द्वार खोल माँ  शरणी लेना।।
                    हे परमेश्वरी दया कर देना।

तुम ही व्यापो सकल जगत मेँ जलथल त्रैलोकी त्रिभुवन मेँ ।  
हम पापी अज्ञानी प्राणी पाप नाशनी पापोँ को धोना।।
                     हे परमेश्वरी दया कर देना।

जित देखूं माँ दृष्टि तुम्हारी विश्वरूप माँ जग बलिहारी।
बहु विधि जग डरपाय माता कष्ट नाशनी दुख हर लेना।
                       हे परमेश्वरी दया कर देना।

शुम्भ निशुम्भ महिषासुर हन्ता शक्ति रूप माँ जगत नियन्ता।
शक्तिहीन हम बालक तेरे शक्ति स्वरूपा शक्ति को देना।।
                            हे परमेश्वरी दया कर देना।

आदिदेव सब देवो से प्रकटी दुष्ट दलन आतुर  माँ दृष्टि ।
बुद्धिहीन  हम पापी जग मेँ बुद्धि स्वरूपा बुद्धि को देना।।
                          हे परमेश्वरी दया कर देना।

रूप महामाया को धारा असुर निकन्दन देव सुधारा।
हम भयभीत जगत से माता रौद्र रूपणी भय हर लेना।
                     हे परमेश्वरी दया कर देना।

मातु शारदे प्रकटी तुमसे ज्ञान धारा फूटी कर से।
हम अज्ञानी मंदमति है ज्ञान दायनी ज्ञान को देना है।।
                    हे परमेश्वरी दया कर देना।

असुर भक्षणी महाकाली तुम ममता रूप सरित प्रेमा तुम ।
है अनाथ विपुल माँ तेरे अब प्रकटो  माँ दर्शन देना।
हे परमेश्वरी दया कर देना मेरी भूल क्षमा कर देना ।
            (भजन संग्रह “भज मन भाव मन”, 2002 से)

3 comments:

  1. अति सुन्दर। काव्य भाव भक्ति से परिपूर्ण एवम् आनन्द दायक।श्री माँ को गा कर सुनाने में भी सरल एवम् मनमोहक।

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  2. जय मा शेरावाली

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