(समध्यावि)
नास्तिक, अनीश्वरवादी
यह विधि उनके लिए है
जो नास्तिक, अनीश्वरवादी
है। न निराकार / भगवान को / खुदा को मानते है। ईश को न पूजते है और न समर्थन करते
है। उनको इसके करने से दिमाग को आराम। नींद गहरी और अच्छी आएगी। कार्य कुशलता बढ़
जाएगी। यह मेरा दावा है।
विधि: पहले सामान्य
तैयारी करे
एक छोटे स्टूल पर या स्वच्छ जमीन पर अपना मनपसन्द चित्र / या जिसको नापसंद
करते हैं उसका चित्र / जिस भगवान को गाली दे सकते हो उसका चित्र सीनरी / प्रकृति
का चित्र अथवा ॐ का चित्र कोई भी चित्र रखें। सामने बीचोबीच एक दीपक देशी घी का
जलाकर रख दे।
यह सब तब करे जब
वातावरण शांत हो।। सब सो चुके हो। रात 10 बजे या और बाद। शोर गुल न हो सन्नाटा हो। यह सब पहली बार
के लिए है।
अब आप अपना नाम एक कागज पर सुंदर तरीके से लिखकर सिर से लगाकर पूड़ी
बनाकर चित्र के सामने रख दे।
चित्र और अपने टीका
लगा ले या न लगाएं बस हाथ जोड़ ले।
हा आसन ऊनी ही हो।
कम्बल इत्यादि जो साफ हो किसी और काम में न प्रयोग हो।
अब आप अपने नेत्र
बन्द करे और चित्र में दो मिनट घूरे। फिर नेत्र बन्द कर चित्र को माथे के बीचोबीच देखने का प्रयास करे। यह 3
बार या अधिक बार करे।
या
जिससे घृणा करते हैं अथवा भगवान के चित्र को खूब
गालियां दे। शुद्द और बेहतरीन गालियां अपशब्द बोलें। 10 – 15 मिनट बोलने के बाद आप
उतनी देर ॐ का जाप करे। यह प्रक्रिया कई बार कर सकते हैं। लेकिन जितनी देर गाली दे
उतनी देर ॐ का जाप अवश्य करें। यह विधि आपको रोज करना है जब तक गाली देना बंद नहीं
होता।
अब जिनके कान तेज है
यानी जिनके कानो । कानों में सुनी हुई ध्वनि बाद में सुनाई देती हो। या जिनकी नाक
तेज हो जिनको सुगन्ध का एहसास रहता हो। वह नाक या कान पर ध्यान दे।
नही तो कुछ न करे।
अथवा अपने नाम को
(अपना नाम) नमः या ॐ आत्मने नमः या ॐ प्रकृतेः नम या सिर्फ ॐ
या प्रकृतेः नमः जो अच्छा लगे उसको 5 बार जोर से चिल्लाकर बोले। इतने जोर से कि सर हिल जाए।
अब आप नाम या ॐ मन्त्र
जप चालू कर दे। बीच बीच चित्र देखती जाए। और नेत्र बन्द कर ध्यान में चित्र देखे।
यह आपको पहली बार ही
करना है। अब आप यह नाम या ॐ मन्त्र
निरन्तर जपे।
यह वैज्ञानिक विधि
है। यदि चाहे तो रोज भी कर सकते है। पर पहली बार जरूरी है।
यदि कुछ अनुभव हो ।
भय लगे। सिहरन हो। रोंगटे खड़े हो। ध्वनि सुगन्द आये तो डरे नही। और भी कुछ हो तो
भी भयभीत न हो। जोर बोल ले या सनातन पुत्र का वास्ता बोलें
डर गायब हो जाएगा।
मुझसे सम्पर्क बनाये
रहे। आपकी समस्या हल होती रहेगी। जय
यदि आप चाहे तो साथ
मे नाक की सांस पर ध्यान देकर मन्त जप करे।
कान पर ध्यान देकर
अपना मन्त्र बीच बीच में रोककर सुनने का प्रयास करे।
घर मे सबको बता दो
भाई आज पूजा कर रहा हूँ।
इसको सुबह 4 बजे भी कर सकते है। यह सब घर पर ही करे।
इसके बाद प्रभू
दक्षिणा समझकर गौ को या गरीब को भोजन करा कर धन से सहायता कर दे। एक रोटी गाय को
कुत्ते को खिला देना। एक गडडी साग खिला देना। मित्रो बिना दक्षिक्षा के कार्य पूरे
होने में विघ्न आ सकते हैं। अत: दक्षिणा
जरूरी है।
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