मेरी मां
की डायरी से
मेरी स्वर्गीय मां के हाथों
से लिखी नरसिंह मेहता गीत, रामायन भजन इत्यादि की पुस्तिका मेरी बडी
बहन के पास सुरक्षित है। यह भजन मां ने नहीं लिखे थे पर शौक के कारन वह यह गाली थी
और लिखती थीं। उन्ही में यह भी एक भजन था। जो मुझे कभी याद करवाया था।
बजरंग
बली मेरी नाव चली, मेरी नैया पार लगा देना,
अब
तक तो निभाया है तुमने, आगे भी भार निभा
लेना।
मै
दास तो तेरा जनम से हूँ, बालक और शिष्य भी धर्म
से हूँ ,
बेशर्म विमुख निज कर्म से हूँ, चित्त से मेरा दोष भुला देना।
बेशर्म विमुख निज कर्म से हूँ, चित्त से मेरा दोष भुला देना।
बजरंग
बली मेरी नाव चली, मेरी नैया पार लगा देना,
अब
तक तो निभाया है तुमने, आगे भी भार उठा लेना।
दुर्बल,
गरीब और दीन हूँ मैं, निज कर्म क्रियागत क्षीण
हूँ मैं,
बलवीर तेरे अधीन हूँ मैं, मेरी बिगडी को नाथ बना देना ॥
बलवीर तेरे अधीन हूँ मैं, मेरी बिगडी को नाथ बना देना ॥
बजरंग
बली मेरी नाव चली, मेरी नैया पार लगा देना,
अब
तक तो निभाया है तुमने, आगे भी भार उठा लेना।
बल
दे के मुझे निर्भय कर दो, यश शक्ति मेरी
अक्षय कर दो,
मेरे जीवन को सुखमय कर दो, संजीवन लाय पिला देना।
मेरे जीवन को सुखमय कर दो, संजीवन लाय पिला देना।
बजरंग
बली मेरी नाव चली, मेरी नैया पार लगा देना,
अब
तक तो निभाया है तुमने, आगे भी भार उठा लेना।
मुझे रोग शोक ने घेरा है, मेरे संग
पापों का डेरा है,
अब तेरा नाम सहारा है, मेरे पापों को
नाथ मिटा देना।
बजरंग
बली मेरी नाव चली, मेरी नैया पार लगा देना,
अब
तक तो निभाया है तुमने, आगे भी भार उठा लेना।
करुणानिधि
प्रभु का नाम भी है, शरणागत प्रभु श्री राम भी है,
इसके अलावा काम भी है, सिया राम से मोहे मिला देना।
इसके अलावा काम भी है, सिया राम से मोहे मिला देना।
बजरंग
बली मेरी नाव चली, मेरी नैया पार लगा देना,
अब
तक तो निभाया है तुमने, आगे भी भार उठा लेना।
संकलन: विपुल लखनवी
"MMSTM समवैध्यावि ध्यान की वह आधुनिक
विधि है। कोई चाहे नास्तिक हो आस्तिक हो, साकार, निराकार कुछ भी हो बस पागल और हठी
न हो तो उसको ईश अनुभव होकर रहेगा बस समयावधि कुछ बढ सकती है। आपको प्रतिदिन लगभग
40 मिनट देने होंगे और आपको 1 दिन से लेकर 10 वर्ष का समय लग सकता है। 1 दिन उनके
लिये जो सत्वगुणी और ईश भक्त हैं। 10 साल बगदादी जैसे हत्यारे के लिये। वैसे 6
महीने बहुत है किसी आम आदमी के लिये।" सनातन पुत्र देवीदास विपुल खोजी
ब्लाग :
https://freedhyan.blogspot.com/
No comments:
Post a Comment