जय श्री राम
विपुल लखनवी नवी मुंबई।
अब तो गूंजेगी यह धरती जय श्री राम के नारों से।
टकराएंगीं यह आवाजें घटनाद प्रहारों से।।
श्री राम का यही नारा दुनिया को सिखलाना है।
अमन शांति श्रीराम से होगी दुनिया को समझाना है।।
नहीं किसी से नफरत करती सनातन सिखलाती है।
विश्व शांति इससे संभव दुनिया को समझाती है।।
टकराएगा जब यह नारा सूरज चांद सितारों से।
देव देवता हर्षित होंगे जय श्री राम के नारों से।।
आंच नहीं अब आने देंगे भारत गौरव इससे है।
सत्य सनातन विपुल धरोहरज्ञान सभी का इससे है।।
जय चंदों को ढूंढ ही लेंगे आधुनिकतम संचारों से।
षड़यंत्रों को नष्ट करेंगे निपटेंगे गद्दारों से।।
विपुल गीत अब हम गाएंगे सरगम की झंकारो से।
अब तो गूंजेगी यह धरती श्री राम के नारों से।।
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