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Wednesday, September 16, 2020

हिंदू एकता (कविता)

 हिंदू एकता  (कविता) 


कवि : अज्ञात 


हिंदू होकर हिंदू का  

               आप सभी सम्मान करो

सभी हिंदू एक हमारे

          मत उसका नुकसान करो

चाहे हिंदू कोई भी हो

            मत उसका अपमान करो

जो ग़रीब हो अपना हिंदू भाई

          धन देकर  धनवान करो

हो गरीब हिंदू की बेटी

          मिलकर कन्या दान करो

अगर हिंदू लड़े चुनाव

        शत प्रतिशत मतदान करो

हो बीमार कोई भी हिंदू

         उसे रक्त का दान करो

बिन घर के कोई मिले हिंदू

         उसका खड़ा  मकान करो

मामला अदालत में गर उसका

        बिना फीस के काम करो

अगर हिंदू दिखता भूखा

        भोजन का इंतजाम करो

अगर हिंदू की हो फाईल

         शीघ्र काम श्री मान करो

 यदि हिंदू की लटकी हो राशि

        शीघ्र आप भुगतान करो

हिंदू को गर कोई सताये

       उसकी आप पहचान करो

अगर जरूरत हो हिंदू को

        घर जाकर श्रमदान करो

अगर मुसीबत में हो हिंदू तो

          फौरन मदद का काम करो

अगर हिंदू दिखे वस्त्र बिन

            उसे अंग वस्त्र का दान करो

अगर हिंदू दिखे उदासा

            खुश करने का काम करो

अगर हिंदू घर पर आये

          जय महादेव बोल सम्मान करो

अगर फोन पर बाते करते

         पहले जय श्री राम कहा करो

अपने से हो बड़ा हिंदू

         उसका पैर छूकर प्रणाम करो

हो गरीब हिंदू का बेटा

         उसकी मदद तमाम करो

बेटा हो गरीब हिंदू का पढ़ता

          कापी पुस्तक दान करो

ईश्वर ने तुम्हें दिया हिंदू कुल

           आप खुद पर अभिमान करो।



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