किधर देश जानेवाला है। कुछ तो बोलो।।
कवि : विपुल लखनवी, मुम्बई MOB : 09969680093अब तो जागो भाई मेरे। कुछ तो बोलो ।।
क्या इतिहास नही देखा है। या अज्ञानी बनते हो।।
या सहने की आदत पड गई।कुछ भी होता सहते हो।।
आज समय की मांग यही है। खुद को ही मोलो॥
किधर देश जानेवाला है। कुछ तो बोलो।।
याद करो वह भी भारत था। पूरी दुनिया में फैला था।
आधी दुनिया पास थी अपने। अपना परचम फैला था।।
धीरे धीरे सिकुड़ गए क्यों। कायरता ही कारण था।।
अब तो त्यागो क्लीवता मन की। कुछ कर डोलो॥
किधर देश जानेवाला है। कुछ तो बोलो।।
समझदार तब चुप बैठे थे। समझदार अब चुप बैठे हैं॥
मौन व्रत तब भी धारण था। मौन लपेटे अब भी बैठे है॥
ये ही चुप्पी भारी होगी। वंश हमारा मिट जायेगा।
कहलाओ भारत के वासी। अब वीरता घोलो ॥
किधर देश जानेवाला है। कुछ तो बोलो।।
आज विश्व में वो फैले है। जो तलवारे रखते है॥
पर अब भी हम जाग रहे न। मुह औधाये लेटे है।।
निद्रा त्यागो उठो सम्भलकर। समय जो भागे उसे पकडकर॥
जागो भारतवंशी जागो। अब आखें खोलो॥
किधर देश जानेवाला है। कुछ तो बोलो।।
जो तुमको जगाना चाहे। उस पर तुम चिल्लाते हो।।
घर के मेरे भाई बनकर । घर में सेंध लगाते हो।।
यही विडम्बना हमको लूटे। भारत के जो भाग्य थे टूटे॥
मुहं न फेरो कसम राष्ट्र की। पौरूष को तोलो॥
किधर देश जानेवाला है। कुछ तो बोलो।।
ठीक है मेंरे अपने हो तुम। यह अधिकार तुम्हारा है।।
पर मत भूलो देश है ऊपर। जिसने हमें पुकारा है।।
आज विश्व को दिखलाना है। अमन चैन फिर से लाना है॥
यह जीवन बेअर्थ न जाये। भारत मां के होलो॥
किधर देश जानेवाला है। कुछ तो बोलो।।
वंदे मातरम
MMSTM समवैध्यावि ध्यान की वह आधुनिक
विधि है। कोई चाहे नास्तिक हो आस्तिक हो, साकार, निराकार कुछ भी हो बस पागल और हठी
न हो तो उसको ईश अनुभव होकर रहेगा बस समयावधि कुछ बढ सकती है। आपको प्रतिदिन लगभग
40 मिनट देने होंगे और आपको 1 दिन से लेकर 10 वर्ष का समय लग सकता है। 1 दिन उनके
लिये जो सत्वगुणी और ईश भक्त हैं। 10 साल बगदादी जैसे हत्यारे के लिये। वैसे 6
महीने बहुत है किसी आम आदमी के लिये।" सनातन पुत्र देवीदास विपुल खोजी
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